भारत जहां लोग अपने स्वतंत्रता सेनानियों का हरदम सम्मान करने की कोशिश करते है और उनके सम्मान के लिए कुछ भी कर गुज़रने की चाहत रखते है | इसी कड़ी में आज भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रदान मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के सम्मान में विश्व की सबसे बड़ी इमारत तैयार की गयी है |
वल्लभ भाई एक कृषि परिवार से तालुक रखते थे और इनका जन्म नडियाद, गुजरात में 31 अक्टूबर 1875 में हुआ था | इन्होने अपना सारा जीवन भारत माँ की सेवा को अर्पण कर दिया | इसी योगदान के चलते आज इनके जन्म दिवस पर गुजरात में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी‘ नाम से एक भव्य प्रतिमा का उद्घाटन किया गया |
जानें ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी‘ से जुडी कुछ ख़ास बातें जो आपको कर देगी हैरान
इस प्रतिमा के आगे छोटा पड़ा चीन
‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी‘ दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमाओं में आ चुकी है | इसने चीन की स्प्रिंग बुद्ध मन्दिर की प्रतिमा को भी छोटा कर दिया है | ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी‘ की ऊंचाई 182 मीटर यानि की 597 फुट है और चीन की स्प्रिंग बुद्ध मन्दिर की ऊंचाई 153 मीटर है | इस प्रतिमा ने हम भारतियों का सिर और ऊँचा कर दिया है | प्रतिमा की सुंदरता देखते ही बनती है इसके पैर की ऊंचाई 80 फिट है, हाथ की 70 फिट, और कंधे की ऊंचाई 140 फिट है व चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है |
मूर्ति भूकंप तूफ़ान को करेगी फेल
‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी‘ मूर्ति को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है की भूकंप का झटका या 60 मीटर/सेकंड की रफ्तार से चलने वाली तेज़ हवा का भी इस बेशुमार मूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ेगा | 6. 5 रिक्टर पैमाने पर आये भूकंप के झटको का भी इस प्रतिमा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा | 180 किलोमीटर प्रति घंटे से चलने वाली हवा से भी मूर्ति की स्थिरता बनी रहेगी |
देखने के लिए कितने पैसे करने होंगे खर्च
इस प्रतिमा को देखने के लिए पर्यटकों को ताजमहल के किराये से सात गुना ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे | जहां ताजमहल को देखने के लिए लोगो को 50 रूपए ख़र्च करने पड़ते है वहीं इस प्रतिमा को देखने के लिए 350 रूपए लगेंगे और 30 रूपए बस का किराया भी देना होगा | यानि कुल 380 रूपए में आप इस विशाल मूर्ति के दर्शन कर पायेंगे | ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा दी गयी है |
‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी‘ को नर्मदा नदी के ऊपर बने सरदार सरोवर बाँध से 3.5 किलोमीटर की दुरी पर बनाया गया है |