गुजरात में लड़कियों के लिए लगाया गया मोबाइल फोन पर रोक, नहीं कर सकती इस्तेमाल

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2019 में जहाँ महिलाएं खुद को पुरुषों के बराबर समझती हैं। घर हो या ऑफिस सब संभालने में सक्षम बनती जा रही हैं। वहीं आज भी देश के कई कोनों से महिलाओं को पुरुषों कम आँका जा रहा है। या तो उन्हें उनके पहनावे के लिए टोका जाता है या फिर रहन सहन के लिए।

ऐसा की कुछ किस्सा इस बार गुजरात के बासनकोटा में हो रहा है। गुजरात के बासनकोटा के दांतीवाड़ा में कुंवारी लड़कियों के मोबाइल फोन के लिए बैन लगने की खबर सामने आरही हैं।

इस गाँव के ठाकोर समुदाय के लोगों ने गाँव में एक बैठक की जिसमे उन्होंने यह बात कही। ठाकोर समुदाय और आँजणा चौधरी समाज के लोगों ने गाँव की युवतियों से कहा कि वो अन्तरजात्तिए विवाह से दूर रहे। ठाकोर समाज ने तो मोबाइल बात पर जोर लगाया है। और ऐसा नहीं करने पर लड़कियों के परिवार पर आर्थिक दंड देने की भी बात सामने राखी। सजा के तौर पर एक से दो लाख रुपए का जुर्माना देना होगा।

उत्तरप्रदेश में विधायक की बेटी यानी साक्षी-अजितेश की अंतर्जातीय विवाह को उदहारण देते हुए युवतियों को इस तरह की शादी न करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा की ऐसा करना समाज की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाना है।हुआ यूँ की दांतीवाड़ा जिले के बासनकोटा तहसील के १२ गाँवों के बुजुर्गों ने एक बैठक की थी। जिसमें उन्होंने लड़कियों के मोबाइल फ़ोन न इस्तेमाल करने की बात की थी। इस पर कांग्रेस विधायक गनिबेन ठाकोर ने कहा की इस आदेश में उन्हें कुछ भी गलत नहीं लगता। लड़कियों को मोबाइल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब समाज की मान मर्यादा की बात करते हुए समझ में युवतियों पर रोक थाम न लगाईं गयी हो। इससे पहले हरियाणा के रोहतक जिले के खाप समाज ने भी युवतियों को जीन्स पहनने और मोबाइल फ़ोन न रखने का आदेश दिया था। भले ही हम शहरी क्षेत्र में लड़के-लड़की में फर्क न करें। लेकिन आज भी गांवों में बसे लोगों की सोच नहीं बदल रही है। कुछ लोग इस तरह के बैन को सही बताते हैं तो कोई इसके खिलाफ हैं।