कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के विधायकों के पद छोड़ने का सिलसिला थम नहीं रहा है। मंगलवार को निलंबित कांग्रेस विधायक रोशन बेग ने भी पद से इस्तीफा दिया था। अब तक यह इस्तीफा देने वाले विधायकों की गिनती 14 पहुँच चुकी है। दो निर्दलीय विधायकों ने पहले ही कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार से किया सर्मथन भी वापिस ले लिया। इस गणना में 16 विधायकों ने सरकार का साथ छोड़ दिया।
कर्नाटक में चल रही सियासती लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रहा तो वहीं कांग्रेसियों ने राज्यसभा में हंगामा कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने भी अभी तक विधायकों के इस्तीफों पर कोई फैसला नहीं लिया है।
हाल ही में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधानसभा अध्यक्ष से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल विधायकों के करतूत पर करारा जवाब मांगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और बीके हरिप्रसाद बैंगलूरु के लिए जल्द रवाना होंगे। उधर इस्तीफे देने वाले विधायक अपने फैसले पर अटल हैं। कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके राहुल गांधी ने जबसे अपने पद से इस्तीफा दिया है, तबसे सरकार की इस हालात को देखकर कोई भी अध्यक्षता का भार संभालने को तैयार नहीं है।
कांग्रेस के दिग्गज नेता जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि अभी भी राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष हैं। उनका कहना है कि राहुल गांधी को अपना उत्तराधिकारी चुनने के लिए समिति का गठन करना चाहिए। ऐसे में सवाल यह उठता है कि कांग्रेस अपनी सरकार बचाने के लिए क्या कदम उठाएगी व अगला कांग्रेस अध्यक्ष कौन होगा ?
अब स्थिति
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बागी विधायक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार सामने आए। अध्यक्ष ने कहा कि उन सभी विधायकों के इस्तीफे प्रारुप हो गए हैं जिन विधायकों के प्रारुप नहीं थे। उचित फैसला लेने से पहले इस्तीफों को जांचा जाता है, कि वह स्व इच्छा से व प्रामाणिक हैं या नहीं।
उधर, बैंगलुरु में भी स्पीकर से मुलाकात करके 14 बागी विधायक गुरुवार को मुंबई पहुंच गए। स्थानीय भाजपा नेता ने बताया कि वे लोग अभी दो दिन के लिए मुंबई रुकेंगे। सुप्रीम कोर्ट में दुबारा से शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेगा।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी संकट मण्ड रहा है
पहले कर्नाटक फिर गोवा में से कई विधायक भाजपा पार्टी में चले गए हैं। अब राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी संकट के बादल मण्ड रहा रहे हैं। जिसके कारण दोनों राज्यों में सरकार बचाने को लेकर अलर्ट जारी है। दोनों राज्यों में कांग्रेस बहुत कम अंतर से बहुमत में है। ऐसे में संभाविक है की कांग्रेस को सरकार के टूटने का डर सता रहा होगा।