शनिवार सुबह 10 बजे असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी की NRC लिस्ट जारी की जा चुकी है। इस लिस्ट के तहत जो बड़ी खबर सामने आ रही है वो यह है की इस लिस्ट में 19 लाख लोगों का नाम नहीं है। इस लिस्ट में कुचल 3,11,21,004 लोगों के ही नाम हैं, इस बात की पुष्टि एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हजारिका ने करी है। असम के सीएम सर्वानंद सोनेवाल ने भी लोगों से शान्ति बनाए रखने की बात कही है।
उन्होंने ये भी कहा है की इस लिस्ट से करीब 19 लाख लोग बाहर हैं। सूत्रों के मुताबिक़ इस लिस्ट में उन ही लोगों के नाम हैं जिन्होंने अपनी नागरिकता पहले ही साबित कर दी हैं। खबरें यह भी आ रही हैं कि लोगों के गुस्से को देखकर राज्य के अति संवेदनशील इलाकों पर धारा-144 लगाई है। इस समय लोगों के लिए यह एक चिंता का विषय बन चूका है।
असल में यह लिस्ट सुप्रीम कोर्ट के कहने पर अपडेट की जा रही है। इस लिस्ट में उन्ही लोगों का नाम लिखा जाएगा जो 25 मार्च 1971 के बाद भारत आये हैं। इस समय लोगों के लिए यह एक चिंता का विषय बन चूका है। और विषय है कि जिन लोगों का नाम इस सूची में नहीं हुआ, तो क्या ?
केंद्र सरकार ने कहा – जिनका नाम नहीं, वह लोग विदेशी नहीं कहलाए जाएंगे।
इसपर केंद्र सरकार ने यह कहा है कि NRC लिस्ट में जिन लोगों का नाम नहीं है, उन्हें विदेशी नहीं कहा जाएगा। वह इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ सकता है। ऐसे में यह लोग विदेश ट्राइब्यूनल में अपील कर सकते हैं। इसके लिए समयसीमा पहले 60 दिन थी अब यह 120 दिन हो गयी है। इस मामले पर गृह मंत्रालय ने भी अपना पक्ष रख दिया। गृह मंत्रालय का कहना है कि इस परेशानी का हल निकालने के लिए 1000 ट्राइब्यूनल अलग-अलग फेज़ में खुलेंगे। इनमें से 100 ट्राइब्यूनल पहले से ही अपना काम कर रहे हैं और सितंबर के पहले हफ्ते में 200 ट्रायब्यूनल खोले जाएंगे। अगर लोग ट्रायब्यूनल में केस हार जाते हैं तो इसके बाद भी लोग सुप्रीम में केस दायर कर सकते हैं। NRC लिस्ट में जिनका नाम नहीं है, वो लोग विदेशी तब तक नहीं कहलायेंगे जब तक ट्रायब्यूनल उन्हें विदेशी घोषित न कर दे।