कहते है की किसी भी पल को यादगार, बनाने के लिए उस पल को तस्वीरों में कैद कर लो। तस्वीर हमेशा दिलो में जिंदा रहती है. इस बात का गवाह हमरा इतिहास भी है। इन्सान ने चित्र बनाना हज़ारों साल पहले शुरू कर दिया था। अक्सर हमारी ख्वाहिश होती है उन लम्हों को याद किया जाए, जिन्हें हम कुछ सालो पहले बिताए थे। इंसान की इन्हीं इच्छाओं को असली रूप देने के लिए फोटोग्राफी की खोज की गई। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह फोटोग्राफी का युग हमारे पूर्वजों द्वारा दी गई है। तो चलिए जानते है आखिर 19 अगस्त को क्यों मनाते हैं विश्व फोटोग्राफी दिवस।
क्यों मनाते हैं विश्व फोटोग्राफी दिवस
आदि मानव काल से ही फोटोग्राफी चली आ रही है। जब इंसान के पास हाई टेक कैमरा नहीं था तब भी वह तस्वीरें बनाता था। प्राचीन काल की गुफाओं में मानव द्वारा बनाए गए चित्र इस बात के गवाह हैं। इस कला के माध्यम से वो लोग आने वाले पीढियो को कितनी बड़ी सीख दी है। इसका अंदाजा अब पता चलता है। बाद में जब कैमरे का आविष्कार हुआ, तो फोटोग्राफी भी इंसान के लिए एक रूचि बन गया।
साथ ही इंसान फोटोग्राफी के माध्यम से वो अपनी कला का प्रदर्शन करने लगे। कहा जाता है की आज ही के दिन फोटोग्राफी का जन्म हुआ था। हालांकि इस दिन के पीछे भी कई कहानिया छुपी हुई है। भले ही आज दुनिया के तमाम फोटोग्राफरों ने फोटोग्राफी की दुनिया में अपना एक अलग मुकाम हासिल कर लिया है। लेकिन आज भी हमें वो दिन नही भुलाना चाहिये जब हमारे पास कैमरा न था।
19 अगस्त को ही क्यों मानते है…
कहा जाता है की आज ही के दिन फ्रांसीसी वैज्ञानिक लुईस जेक्स और मेंडे डाग्युरे ने सबसे पहले फोटो की खोज की थी। हालांकि ब्रिटिश वैज्ञानिक विलियम हेनरी फॉक्सटेल बोट ने निगेटिव-पॉजीटिव प्रोसेस का आविष्कार किया। वहीं सन 1834 में टेल बॉट ने लाइट सेंसेटिव पेपर की खोज करके सबसे पहली फोटो खींची।
विश्व फोटोग्राफी दिवस की खास बाते
- आज फोटोग्राफी को जो मुकाम मिला है, उसमें फांसीसी वैज्ञानिक लुईस जेक्स और मेंडे डाग्युरे का बहुत बड़ा हाथ रहा है।
- ब्रिटिश वैज्ञानिक विलियम हेनरी फॉक्सटेल बोट ने नेगेटिव-पॉजीटिव प्रोसेस का आविष्कार करके दुनिया को एक स्वरुप देने का काम किया।
- बताया जाता है कि फ्रांसीसी वैज्ञानिक आर्गो की फ्रेंच अकादमी ऑफ साइंस के लिए लिखी गई, एक रिपोर्ट को तत्कालीन फ्रांस सरकार ने खरीदकर,आम जनता के लिए फ्री घोषित कर दिया था।
- जिसके बाद से यह दिन विश्व फोटोग्राफी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।