Independence Day Special: देशप्रेम से है, बॉलीवुड का गहरा नाता

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देशभक्ति

15 अगस्त 1947 भारत देश के लिए बहुत खास दिन हैं। आख़िरकर यह वो दिन हैं जब कई सालों तक ब्रिटिश सरकार की गुलामी करने के बाद हमे आज़ादी मिली थीं। असल मायनों में यह महज़ दिन नहीं बल्कि, परिणाम हैं, हमारे अपनों के बलिदानों का, शहीद हुए वीर जवानों की कुर्बानी का। हालांकि शायद हम सभी को आज़ादी से जुड़ी यह सारी बातें इतने करीब से पता ना होती हैं। या यूँ कह लीजिए उन दिनों के दर्द को इतने अच्छे से महसूस ना कर पाते अगर बॉलीवुड ना होता। क्यूंकि बॉलीवुड ही है, जिसने आज़ादी के उन संघर्षो की छवियों का प्रदर्शन कर हमें उन दिनों के हालात से रूबरू कराया।

तो आइए, जाने बॉलीवुड के उन फिल्मों के बारे में जिन्होंने देशभक्ति का जज्बा हमेशा जगाये रखा।

नया दौर 1957

नया दौर फ़िल्म साल 1957 में बड़े पर्दे पर रिलीज़ की गयी। देशभक्ति पर बनी यह फ़िल्म उस वक़्त की सबसे बड़ी हिट फ़िल्म थी। इस फ़िल्म में लीड नज़र आये थे, बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार और उनके अपोजिट थी उस वक़्त की मशहूर अभिनेत्री वैजयंती माला। बी. आर. चोपड़ा के निर्देशन में बनी यह फ़िल्म एक क्रांतिकारी फ़िल्म थी। “नया दौर” इस फ़िल्म का नाम ही इसकी कहानी दर्शाता हैं। गौरतलब है, इस फ़िल्म का मतलब हैं, नई शुरुआत।

यह फ़िल्म उन दिनों की सामाजिक सच्चाइयों के ऊपर आधारित हैं। किन्तु सामाजिक सच्चाइयों पर आधारित होने के बावज़ूद इस फ़िल्म ने मनोरंजन में कोई कमी नहीं छोड़ी। बात अभिनय की हो तो दोनों ही कलाकारों ने अपने किरदारों को बड़ी ही सिद्दत से निभाया हैं। और इस फ़िल्म में चार चाँद लगाने का काम किया है- ओ.पी. नैयर की आवाज़ में गाये संगीतों ने।

उपकार- 1967 

‘जय जवान, जय किसान’ लाल बहादुर शास्त्री  का यह नारा भारत का एक प्रसिद्ध नारा है। साल 1967 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘उपकार’ इसी नारे ‘जय जवान, जय किसान’ से प्रेरित होकर बनाई गई थी। इस फिल्म में मुख्य किरदार में नजर आये थे, मनोज कुमार, प्रेम चोपड़ा और कामिनी कौशल। कामिनी कौशल ने एक ग्रामीण महिला राधा की भूमिका निभाई थी। और उनके बेटे के किरदार निभाया था, मनोज कुमार, प्रेम चोपड़ा ने।

शहीद- 1965

‘शहीद’ भगत सिंह के जीवन पर पर आधारित फिल्म थी। भगत सिंह के जीवन पर 1965 में बनी देशभक्ति की इस फिल्म में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बारे में बताया गया । इस फिल्म की कहानी को स्वयं भगत सिंह के दोस्त बटुकेश्वर दत्त ने लिखी थी. इस फिल्म के गीत अमर शहीद राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ ने गाये थे। फिल्म ‘शहीद’ में भगत सिंह का किरदार अभिनेता मनोज कुमार ने  निभाया था । भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित यह अब तक की सर्वश्रेष्ठ प्रामाणिक फिल्म है।

आनंद मठ- 1952

‘वंदे मातरम’ फिल्म ‘आनंद मठ’ का यह स्वतंत्रता का मंत्र, हमारा राष्ट्रगीत बना। साल 1952 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘आनंद मठ’ का यह गीत बंकिम चंद्र चटर्जी के नॉवल पर आधारित थी। इस फिल्म में संन्यासी क्रांतिकारियों की आजादी की लड़ाई की कहानी को दिखाया गया। आपको बता दे, संन्यासी क्रांतिकारियों की आजादी की लड़ाई 18वीं शताब्दी में अंग्रेजों के खिलाफ हुई थी।

बॉर्डर- 1997

मल्टीस्टारर फिल्म ‘बॉर्डर’ 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित थी। इस फिल्म को सच्ची घटना से प्रेरित होकर बनाया गया था। इस फिल्म में भारत-पाक युद्ध के समय लड़े गए लोंगेवाला युद्ध की हर घटना को विस्तार से समझाया गया है।

इस फिल्म में बॉलीवुड के कई सितारे नजर आए। ‘सनी देओल’, ‘अक्षय खन्ना’, ‘जैकी श्रॉफ’ सुनील शेट्टी सहित कई अन्य कलाकरों ने इस फिल्म में अहम रोल निभाया। फिल्म की कहानी 1971 मे हुए भारत-पाकिस्तान की युद्ध से प्रेरित उस रात पर बनायीं गयी है, जब राजस्थान में 120 भारतीय जवान सारी रात पाकिस्तान की टांक रेजिमेंट का बहादुरी से सामना करते हुए देश की रक्षा कि थी। इस फिल्म के गानो ने लोगो को भावुक करने में कोई कमी नहीं छोड़ी