आर्टिकल 370 के हटाए जाने के विरोध में कई लोग हैं। हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद ने केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को वापस लेने की मांग रखी है। गुलाम नबी आज़ाद का कहना है की सरकार ने यह फैसला गलत लिया है, इसे वापस लेना चाहिए।
आर्टिकल 370 हटाए जाने के खिलाफ डीएमके करेगी प्रदर्शन
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाए जाने के विरोध में द्रविड़ मुन्नेत्र कजहागाम 22 अगस्त को जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने वाली है।
सोमवार को खोले गए स्कूल, सुरक्षा के लिए तैनात हैं सुरक्षाबल
श्रीनगर में कई स्कूल सोमवार खोले गए। स्कूलों के आस पास भारी सुरक्षा बल तैनात हैं। प्रशासन भी पूरी तरह से सक्रिय है। घाटी में कॉलेजों में एग्जाम भी होने वाले हैं जिसका इंतज़ाम किया जाना है। इसपर चर्चा होनी है। वहीं, शनिवार को बहाल की गयीं इंटरनेट सेवा रविवार सुबह को बंद कर दी गयी।
गृह मंत्रालय में की गयी बैठक
उधर, नई दिल्ली में गृह मंत्री ने एक बैठक की। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह सचिव राजिव गौबा और ख़ुफ़िया विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। कहा जा रहा है की इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के हालात पर जांच हो सकती है।
अभी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल घाटी में 11 दिन बिता कर दिल्ली वापस आए हैं। उनकी एक वीडियो भी वायरल हुई थी,जिसमें वो घाटी के लोगों से बात करते नज़र आ रहे हैं।
भारत के खिलाफ कर रहे थे ट्वीट, बर्खास्त किये गए दो नेता
आपको बता दें आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से धारा 144 और इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था। लेकिन अब बड़ी खबर यह आ रही है की जम्मू के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का इंटरनेट एक्सेस दिया जा रहा था। जिसके कारण वह लगातार ट्वीट करते जा रहे थे। लेकिन केंद्र सरकार ने इस मामले पर दो अधिकारियों को अपने घेरे में ले लिया। गत 4 अगस्त से जम्मू-कश्मीर में विवाद न होने को लेकर इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी। पर, अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को 8 दिनों से लैंडलाइन और इंटरनेट सेवा दी जा रही थी। सूत्र बताते हैं, अधिकारियों को यह मालुम ही नहीं था की अलगाववादी नेता को यह सेवा दी जा रही हैं।
जांच पड़ताल के बाद बीएसएनएल के दो अधिकारियों से बात की गयी। हालांकि, बीएसएनएल ने अपने दोनों अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। अलगाववादी नेता ने अपने ट्वीटर अकाउंट से भारत के विरोध में कई पोस्ट डाले थे।