‘Chandrayaan-2’ रखने वाला है चाँद पर कदम, छात्रों संग लाइव देखेंगे पीएम मोदी इस ऐतिहासिक पल को

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Chandrayaan 2

‘Chandrayaan-2’ भारत का बेहतरीन अंतरिक्ष यान जो शनिवार को चाँद पर कदम रखेगा। ‘Chandrayaan-2’ का लैंडर ‘विक्रम’ शनिवार 7 सितंबर को चाँद की सतह पहुँचेगा। ‘Chandrayaan-2’ की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के इस ऐतिहासिक पल को लेकर इसरो के सभी वैज्ञानिकों की सांसें थमी हुई नज़र आ रही हैं। और चंद्रयान-2 की इस बड़ी सफलता का इंतज़ार इसरो नहीं पूरा भारत देश कर रहा है।

इस ऐतिहासिक और हमेशा के लिए यादगार रहने वाले पल के साथ भारत पुरे विश्व का प्रथम ऐसा देश बनेगा जो चाँद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पहुंचा है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक क्विज प्रतियोगिता के जरिये पुरे देश से चुने गए लगभग साठ-सत्तर हाई स्कूल के छात्र-छात्राओं के साथ ‘Chandrayaan-2’ का यह अद्भुत नज़ारा एक साथ देखेंगे।

'Chandrayaan-2'

बताया जा रहा है कि लैंडर ‘विक्रम’ शनिवार रात्रि 1-2 बजे के बीच चाँद पर उतरने के लिए नीचे की और चलना शुरू करेगा। रत के डेढ़-ढाई बजे के बीच यह धरती के प्राकृतिक उपग्रह के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा। बताया जा रहा है कि विक्रम अभी चाँद से लगभग 35 किलोमीटर दूर है, जहाँ से यह चाँद की तरफ नीचे की और बढ़ना शुरू करेगा। इसरो द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक़, ‘Chandrayaan-2′ विक्रम को 70 डिग्री दक्षिणी अक्षांश में दो गढ्ढों यानी की ‘मैंजिनस सी’ और ‘सिंपेलियस एन’ के बीच में ऊँचे मैदानी इलाके में उतारने की कोशिश करेगा। इसरो, अध्यक्ष के. सीवन ने कहा यह ‘सॉफ्ट लँडिंग’ से कई दिलों की धड़कनें थम जाने वाली हैं, क्योंकि यह इसरो का पहला कदम होगा।

चाँद पर उतरने के बाद क्या होगी ‘Chandrayaan-2’ की आगे की प्रक्रिया

  • इसरो, अध्यक्ष के. सिवन ने कहा – जब ‘Chandrayaan-2’ चाँद से लगभग ३० किलोमीटर दूर होगा, तो वह अपनी प्रक्रिया करना शुरू करेगा। इस प्रक्रिया को पूरा होने में पंद्रह मिनट लगेंगे।
  • जब लैंडर चाँद पर उतरेगा तो उसके अंदर से रोवर ‘प्रज्ञान’ बाहर निकाला जाएगा।
  • ‘रोवर’, 6 पहियों वाला 27 किलोग्राम वजनी एक वाहन है। यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस है।
  • ‘रोवर’ चाँद पर एक दिन यानी की पृथ्वी के अनुसार दो हफ्ते का समय, तक अपना काम करेगा।
  • रोवर ‘प्रज्ञान’, लैंडिंग वाली जगह से करीब 500 मीटर की दूरी तय कर सकता है।
  • ‘प्रज्ञान’ अपने ऑपरेटिंग के लिए सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करता है।
  • ‘प्रज्ञान’, अपनी सभी जानकारी लैंडर को भेजेगा और लैंडर इस जानकारी को बेंगलुरु स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क को जानकारी प्रसारित करने का काम करेगा।
  • इसरो अनुसार, लैंडर में तीन वैज्ञानिक उपकरण लगे हुए हैं, जिनका काम चाँद की सतह से जुड़ी चीज़ों को ढूंढेंगे।
  • इसरो के अनुसार, चाँद का दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र, उत्तरी क्षेत्र से काफी बड़ा है और यहाँ अंधेरा रहता है।