Greta Thunberg – विश्व में बढ़ती जलवायु परिवर्तन जैसी गंभीर परेशानी को लेकर हर कोई परेशान है। महज़ 16 साल की ग्रेटा आज विश्वभर में इस मुद्दे पर काम कर रही हैं। और उनकी इसी कोशिश के साथ अमेरिका से लेकर लंदन और फ्रांस के लोगों के साथ अब हर कोई इस मुद्दे पर बात करने लगा है। इस 16 वर्षीय लड़की ने स्कूल छोड़ लोगों को पर्यावरण के लिए जागरूक करने की लगन देखने को मिल रही है।
विश्व में Greta Thunberg का स्कूल स्ट्राइक फॉर क्लाइमेट या फ्यूचर फॉर फ्राइडे कैंपेन मशहूर हो चूका है। इस कैंपेन की शुरुआत साल 2018 के अगस्त महीने में हुई। इस कैंपेन को शुरू करने के लिए ग्रेटा थनबर्ग ने शुक्रवार को स्कूल जाना बंद कर दिया था। वो हर शुक्रवार को स्कूल छोड़ स्कॉटहोम में स्वीडन की संसद के बाहर तख्ती लेकर प्रदर्शन करती। यहीं नहीं, वहां आने जाने वाले हर सांसदों और लोगों से वह यही अपील करतीं – दुनिया बचाएं।
और उसका यह अभियान हर किसी की प्रशंसा बंटोरने लगा था। यह आंदोलन स्वीडन ही नहीं कई देशों में चलने लगा है। कई देशों के बच्चे शुक्रवार को स्कूल न जाकर क्लाइमेट चेंज के गंभीर विषय को लेकर सड़कों पर उतर रहे हैं। क्लाइमेट चेंज के इस मुद्दे पर ग्रेता ब्रांड आइकॉन बन गयी हैं।
पिछले साल नवंबर में Greta Thunberg की स्कूल स्ट्राइक फॉर क्लाइमेट इस मुहीम में 24 देशों के लगभग 17 हज़ार छात्रों ने हिस्सा लिया। जिसके बाद उन्होंने ने इस मुद्दे पर स्पीच देने लगीं। और देखते ही देखते साल 2019 मार्च माह तक इस कैंपेन में हिस्सा लेने वाले देशों और छात्रों की गिनती बढ़ने लगी। अब इस कैंपेन में 135 देशों से 20 लाख लोग जुड़ चुके हैं। और अगस्त तक यह संख्या बढ़कर 36 लाख तक पहुँच गयी।
पर्यावरण कार्यकर्त्ता का जन्म स्वीडन में जनवरी 2003 में हुआ। उनकी माँ सिंगर और उनके पिता एक्टर हैं। आठ साल की उम्र में ग्रेटा ने पहली बार इस बारे में सुना। इसके बाद 11 साल की उम्र में ग्रेटा ने जलवायु परिवर्तन के विषय को समझना शुरू कर दिया था।
यूनाइटेड नेशंस क्लाइमेट समिट ने Greta Thunberg ने कई नेताओं से उठाए सवाल
इसके बीच हाल ही में पर्यावरण कार्यकर्ता Greta Thunberg ने दुनियाभर के नेताओं से ऐसा सवाल किया। जिसे सुन हर कोई परेशान है। ग्रेटा थनबर्ग ने लाखों युवाओं की आवाज़ को दुनिया के सामने रखा। उन्होंने कहा, ‘हमें समझ आ रहा है कि आपने जलवायु परिवर्तन के गंभीर मुद्दे पर हमारे साथ छल किया है। और अगर आपने संदर्भ में कुछ नहीं किया तो युवा पीढ़ी आपको माफ़ नहीं करेगी। इस बात को कहते हुए ग्रेटा की आँखों में आंसू और गुस्सा साफ़ दिख रहा था। ग्रेटा ने कहा, आपने हमारे सपने, बचपन अपने खोखले शब्दों से छीना है। मैं भाग्यशाली हूँ लेकिन लोग झेल रहे हैं, मर रहे हैं। इससे पूरा पर्यावरण सिस्टम बर्बाद हो रहा है।’