Ram Jethmalani Death : देश ने विद्वान और प्रसिद्ध कानूनविद खोया है – राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

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Ram Jethmalani

देश के जाने-माने वरिष्ठ वकील Ram Jethmalani का रविवार के दिन सुबह 9:45 बजे दिल्ली स्थित उनके निवास स्थान पर देहांत हो गया। 95 साल के वरिष्ठ वकील Ram Jethmalani काफी समय से बीमार थे। देश के वरिष्ठ वकील होने के साथ-साथ वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री थे। वर्तमान में वह बिहार से राजद (राष्ट्रिय जनता दाल) के राज्याभा संसद के पद पर थे।

Ram Jethmalani के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक जताया और कहा, “पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी के निधन पर दुखी हूं। वह सार्वजनिक मुद्दों पर अपनी वाकपटुता के लिए जाने जाते थे। देश ने विद्वान और प्रसिद्ध कानूनविद खोया है।”

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वरिष्ठ वकील Ram Jethmalani के निधन की खबर सुन कर कहा कि हमने एक असाधारण वकील खोया है। वह मजबूती से अपनी बात रखने में कभी पीछे नहीं हेट थे। वरिष्ठ वकील आज हमारे बिच में नहीं हैं, लेकिन उनके काम को हमेशा याद रखा जाएगा। इसके साथ ही उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई दिग्गज नेता वरिष्ठ वकील Ram Jethmalani को श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुंचे।

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उनके द्वारा लड़े गए अहम केस

वरिष्ठ वकील Ram Jethmalani ने अपने कार्यकाल में कई अहम केस लड़े थे। जिनमें से बलात्कार के आरोप में जोधपुर जेल में बंद आसाराम, दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के लिए जेटली मानहानि केस, साल 2011 में राजीव गाँधी के हत्यारे और इंदिरा गाँधी के हत्यारे का केस, जयललिता के लिए प्रॉपर्टी केस, हर्षद मेहता और केतन परेश का स्टॉक मार्किट स्कैम, मुंबई के माफ़ी हाजी मस्तान का हवाला स्कैम, जेसिका लाल मुरेद्र केस में मनु शर्मा का केस, हैं।

वकालत और राजनीती

Ram Jethmalani ने वकालत के साथ-साथ राजनीती में भी अपना हाथ बढ़ाया। साल 1971 और 1977 में उन्होंने मुंबई से भाजपा-शिवसेना के समर्थन में लोकसभा चुनाव जीता। इसके बाद वह सांसद बने। फिर साल 1996 में केंद्रीय कानून मंत्री और साल 1998 में शहरी विकास मंत्री बनाए गए। उस समय केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी। लेकिन, उनके द्वारा दिया गया एक बयान विवाद बन गया, जिसके कारण उन्हें भाजपा से बाहर क्र दिया गया। साल 2004 में उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ लखनऊ सीट से निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ा तो था, लेकिन इसमें उन्हें हार मिली।

फिर, Ram Jethmalani दुबारा भाजपा में शामिल हुए और साल 2010 में पार्टी ने उन्हें राजस्थान से राजयसभा में भेजा। पर पार्टी के खिलाफ उनके लगातार बयान देने के कारण उन्हें 2012 के अंत में पार्टी ने निकाल दिया। साल 2016 में लालू प्रसाद यादव की पार्टी ने उन्हें फिर राजयसभा का मेंबर बनाया।

अपने जीवन काल में Ram Jethmalani ने कई अवार्ड जीते थे। इंटरनेशनल ज्यूरिस्ट अवार्ड, वर्ल्ड पीके थ्रू लॉ अवार्ड, 1977 में फिलीपींस में ह्यूमन राइट अवार्ड से उन्हें नवाजा गया था।

रविवार की शाम दिल्ली के लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया।