Ratan Tata, वह नाम जिसने देश-विदेश में लोगों को खुद के बारे में जानने को मजबूर कर दिया

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Ratan Tata

Ratan Tata, टाटा समूह को बनाने वाले दिग्गज बिज़नेसमैन का नाम। इनके बारे में आपने कई बार ख़बरों में सुना होगा। साल 1962 में टाटा ग्रुप के साथ अपने करियर की शुरुआत करने वाले रतन नवल टाटा ने वो कर दिखाया, जिससे उनकी कंपनी का नाम दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गया। टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा के दत्तक पोते नवल टाटा के बेटे हैं, रतन नवल टाटा। रतन नवल टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। उनकी उम्र अब अस्सी पार है लेकिन आज भी वह युवा बिज़नेसमैन को बहुत कुछ सीख देते हैं। आज भी लोग उनकी दाद देते हैं कि किस तरह उन्होंने भारतीय उद्योग में अपना योगदान दिया है।

कहा जाता है कि अपने करियर की शुरुआत करने के दौरान उन्होंने मजदूरों के साथ काम भी किया था। भले ही उनके नाम बेशुमार दौलत क्यों न हो लेकिन आज के युग में उनका नाम सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में नहीं आता। ऐसा इसीलिए क्योंकि वह अपनी कमाई का 65% हिस्सा दान कर देते हैं। उनकी कंपनी का जो भी पैसा प्रॉफिट में आता है वह उसे कल्याण कार्य में लगा देते हैं। यह पैसा उनकी पर्सनल फाइनेंसियल स्टेटमेंट में दर्ज नहीं होता। आपको उनके करियर की बड़ी ही दिलचस्प बातें बताते हैं।

Ratan Tata को उनके शांत स्वभाव के लिए जाना जाता है। टाटा ग्रुप के अंदर लगभग 100 कंपनियां शामिल होती हैं। जिसमें छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीज़ों का निर्माण किया जाता है।

Ratan Tata को उनके शांत स्वभाव के लिए जाना जाता है। टाटा ग्रुप के अंदर लगभग 100 कंपनियां शामिल होती हैं। जिसमें छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीज़ों का निर्माण किया जाता है। 26/11 को ताज होएल में हुए हमले में घायल लोगों का इलाज कराने वाले रतन टाटा ही थे। इसके साथ रतन टाटा ने ताज होटल के आस-पास ठेला लगाने वाले लोगों को हुए नुक्सान की भरपाई भी की थी।

Ratan Tata ने भारतीय उद्योगों में बहुत नाम कमाया है। इसके साथ प्रधानमंत्री व्यापार और उद्योग समिति के सदस्य के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं। एशिया के RAND सेंटर की सलाहकार समिति के रूप में शामिल हैं।वह वहारती एड्स प्रोग्राम कमेटी के मेंबर भी हैं। देश में एड्स जैसी बिमारी को रोकने का हर संभव प्रयास वह करते रहते हैं।

देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी रतन टाटा का नाम सब जानते हैं। विदेश की मित्सुबिशी को-ऑपरेशन की अंतराष्ट्रीय सलाहकार समिति के भी सदस्य हैं। वह, अमेरिकन अंतराष्ट्रीय ग्रुप जे.पी. मॉर्गन चेस एंड बुज़ एलन हमिल्टो में भी शामिल हैं।

देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी रतन टाटा का नाम सब जानते हैं। विदेश की मित्सुबिशी को-ऑपरेशन की अंतराष्ट्रीय सलाहकार समिति के भी सदस्य हैं। वह, अमेरिकन अंतराष्ट्रीय ग्रुप जे.पी. मॉर्गन चेस एंड बुज़ एलन हमिल्टो में भी शामिल हैं।

Ratan Tata के सवभाव के बारे में बात करें तो वह बेहद शर्मीले, बेहद शांत और झूठी चमक धमक से दूर रहने वाले व्यक्ति हैं। वह मुंबई के कोलाबा जिले में एक फ्लैट में रहते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि आलिशान जीवन नहीं, शालीन जीवन जीते हैं रतन टाटा। भले ही उन्हें व्यापार में बहुत मुनाफा होता हो, लेकिन वह समाज के लिए अपने कामों को भी जरुरी समझते हैं।

Ratan Tata कहते हैं कि –जीवन में आगे बढ़ते रहने के लिए उतार-चढ़ाव का बड़ा ही महत्व है। यहां तक कि ई.सी.जी. (ECG) में भी सीधी लकीर का अर्थ – मृत माना जाता है।

Ratan Tata ने अपने जीवन में हमेशा आगे बढ़ना ही सीखा है। आज के युवा को उनसे यही सीख लेनी होगी कि कुछ भी हो जाए हार नहीं मानें, सकारात्मक सोच रखें और साधारण जीवन जीना चाहिए।

Ratan Tata ने अपने जीवन में हमेशा आगे बढ़ना ही सीखा है। आज के युवा को उनसे यही सीख लेनी होगी कि कुछ भी हो जाए हार नहीं मानें, सकारात्मक सोच रखें और साधारण जीवन जीना चाहिए। अपने काम में जी-जान लगा देना। और अपने काम को पूजा की तरह करना भी रतन टाटा द्वारा दी गयी एक सीख ही है। अपने हर साथी को अपना मान कर काम करने वाला व्यक्तित्व। अपने हर वादे को पूरा करना।

Ratan Tata ने अपने एक इंटरवयू में कहा थी कि वह उन कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं जो कि भारत को बदलने में काम कर रही हों। इसके साथ वह उन कंपनियों में भी अपना योगदान देना चाहेंगे जो आम आदमी के हित में काम करे। जैसे – स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और इंटरनेट के प्रसार से जुड़े। रतन टाटा, कारों के शौकीन हैं। आपको उनके पास लेटस्ट गाड़ियां दिखाई दे जाएंगी। उनकी फेवरेट कार फरारी है।