Ram Janambhumi-Babri Masjid Issue:- देखते ही देखते, अयोध्या का राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद का फैसला जल्द ही आने वाला है। पिछले महीने पूरी हुई इस मामले की सुनवाई अब सिर्फ फैसले के इंतज़ार में बैठी है। दोनों धर्मों में यह विवाद चिंता का विषय बन चुका है। कई सालों से चलता आ रहा यह भूमि विवाद, कई लोगों के लिए प्रश्न बनता जा रहा था।
हिन्दू इस स्थान को मर्यादा पुरुषोत्तम राम की जन्म स्थली बताते हैं, तो वहीं, मुस्लिम लोग इसे बाबर द्वारा बनाई गयी मस्जिद बताते हैं। अब जब इस विवाद के फैसले की तारीख नज़दीक है, तो इसी को ध्यान में रखते हुए, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के सभी बड़े अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग कर बात की।
मुख्यमंत्री ने हर जिले में 24 घंटे एक विशेष कण्ट्रोल रूम खोलने के आदेश दिए हैं। इसके साथ, उन्होंने कहा, लखनऊ और अयोध्या, दोनों जगहों पर एक-एक हेलीकॉप्टर हर तरह की इमरजेंसी वाले हालात के लिए तैयार रहेगा। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिए हैं कि दोनों जगहों के सभी धार्मिक स्थानों की सुरक्षा की जाए।
इसके साथ सभी महत्वपूर्ण धर्म गुरुओं को विश्वास दिलाया जाए। उनसे यह अपील करी जाए कि वह अपने समाज के लोगों के लिए सद्भाव बनाएं। इसके साथ, मीडिया जगत से बातचीत भी करी गई है कि इस मामले से जुड़ी किसी भी बात को सनसनी न बनाया जाए।
RAM MANDIR VIVAAD – ‘RAM’ नाम का शोर सुनाई देगा जग में
इसके साथ कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की अफवाह फैलाता हुआ पकड़ा गया तो उस पर भी कारवाई की जाएगी। इसके साथ पुलिस के सारे बड़े अफसर खुद मैदान में रहेंगे। वहीं, फुटपाथ पर रह रहे गरीब लोगों को रैन-बसेरे में शिफ्ट किया जाएगा। उन लोगों की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाएगा।
सीजीआई करेंगे प्रधान सचिव और डीजीपी से मुलाक़ात, इस मुद्दे पर होगी बात
अयोध्या मामले के फैसले के पहले अब यह खबर आ रही है, सीजेआई रंजन गोगोई ने उत्तर प्रदेश के प्रधान सचिव और डीजीपी ओपी सिंह के साथ बैठक कर सकते हैं। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, यह मीटिंग दोपहर 12 बजे मीटिंग की जाएगी। कहा जा रहा है, कि इस मीटिंग में अयोध्या मामले को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा हो सकती है।
आने वाले कुछ दिनों में, भगवान राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद जमीन विवाद का फैसला आने वाला है। इस साल 17 नवंबर को सीजीआई रंजन गोगोई रिटायर हो रहे हैं, इससे पहले इस मामले का फैसला आना जरुरी है।