Bollywood Masala: बॉलीवुड के हर दौर में छिपी कई कहानियाँ हैं, कई ऐसे किस्से हैं जिन्हें कई ऐसी बातें हैं जिन्हें सुन हम चौंक से जाते हैं। एक ऐसा ही किस्सा हैं ट्रेजडी क्वीन के नाम से जाने-जाने वाली मीना कुमारी का। जिनकी अदाओं पर एक्टिंग पर पुरा ज़माना फ़िदा था। उनके सामने बड़े से बड़े एक्टर भी अपनी एक्टिंग भूल जाते हैं। फिर चाहे वो इसमें बॉलीवुड के ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार हो या कोई और….
लेकिन क्या आपको पता हैं, इस मशहूर अदाकारा के साथ बरसो पहले एक ऐसा हादसा हुआ था। मीना कुमारी के उस ज़माने में #Metoo मोमेंट हुआ था।
बता दें, बॉलीवुड की ट्रेजडी क्वीन मीना कुमारी के साथ हुए इस हादसे का ज़िक्र खुद मशहूर एक्टर बलराज साहनी ने अपनी बायोग्राफ़ी ‘मेरी फ़िल्मी आत्मकथा’ के आख़िरी पन्नो में मीना कुमारी के साथ हुए इस हादसे के बारे में बताया है।
साहनी साहब के इस किताब में लिखे शब्दों के अनुसार यह किस्सा उन्होंने तब सुना जब फ़िल्म ‘बाजूबंद’ की शूटिंग चल रही थी। तब नरगिस दत्त के भाई अनवर हुसैन ने उन्हें बताया कि एक बार मीना कुमारी ने इंडस्ट्री के एक जाने-माने डायरेक्टर-प्रोड्यूसर की फ़िल्म साइन की थी। मीना इंडस्ट्री में नयी-नयी थी। तो उनके डायरेक्टर को लगा नयी हैं और हमारी फिल्म की हीरोइन हैं तो हमारे पास उनके साथ कुछ भी करने का अधिकार है।
इस घटिया सोच के चलते उन्होनें लंच के दौरान मीना के पैर पर अपना पैर रख दिया। लेकिन मीना इस बात से बिल्क़ुल नहीं घबराई और उन्होंने बड़ी ही बेबाकी से उनकी इस हरकत का विरोध करते हुए अपने पैर संभालने और अपना बिहेवियर सुधारने की सलाह दी। इस बात ने डायरेक्टर का इगो हर्ट कर दिया, और डायरेक्टर ने मीना से बदला लेने की ठानी।
बदला लेने के चलते डायरेक्टर ने फिल्म के सीन में बदलाव किये और फिल्म में एक और सीन जोड़ दिया। इस सीन में हीरो को मीना को थप्पड़ मारना था। इतना ही नहीं इस सीन को शूट करते हुए उन्होंने मीना को 1 या 2 नहीं, बल्कि री-टेक करवा पूरे 31 थप्पड़ मरवाएँ।
हालांकि शर्म की बात हैं की इस सीन को फिल्माने वाला हीरो भी एक मशहूर कलाकार था। लेकिन यह जानते हुए की मीना के साथ ऐसा क्यों हो रहा हैं उस अभिनेता ने कुछ नहीं बोला। साथ ही मीना कुमारी भी इस सीन को पूरा करने पर अड़ी रहीं और जब तक वो सीन पूरा नहीं हुआ तब तक मीना कुमारी वहाँ से हिली भी नहीं। लेकिन सीन को फिल्माने के बाद वो मेकअप रूम में जा बहुत देर तक रोती रहीं ।
ये क़िस्सा बताता है कि शुरुआती दौर में मेल फीमेल को लेकर इंडस्ट्री में कितना भेदभाव किया जाता था। लेकिन इतने सालों बाद आज भी इंडस्ट्री में कुछ नहीं बदला हैं, आज भी इंडस्ट्री के हालात कुछ ऐसे ही हैं। तभी इंडस्ट्री में आज भी #Metoo मोमेंट जैसे अभियान देखने को मिलते हैं।