Dabangg 3 Movie Review: किंग खान का रोमांस, अजय देवगन की सिंघम और भाईजान की दबंग फ्रेंचाइस फिल्म इंडस्ट्री का चेहरा बन गयी हैं। कोई फिल्म आये ना आये लेकिन इन फ्रेंचाइस का आना तय हैं। वही सलमान खान एक बार फिर बड़े पर्दे पर वापसी कर चुके अपनी दबंग फ्रेंचाइस ‘दबंग 3’ के साथ।
जी हाँ, ‘दबंग’ फ्रेंचाइजी को आगे बढ़ाते हुए सलमान की ‘दबंग 3 बड़े पर्दे पर रिलीज हो चुकी हैं, यकीनन सलमान खान के फैंस के लिए यह खुशखबरी हैं। जैसा की इस सीरीज ने लोगों को काफी आकर्षित किया हैं, खासकर सलमान के चुलबुल पंडे वाले अवतार ने।
ऐसे में देखना होगा की पिछली दो फिल्मों से लोगों के बीच अपनी जगह बनाने वाली सीरीज दबंग पार्ट 3 लोगों के लिए क्या खास लेके आया है?
तो चलिए जानते हैं, कि प्रभु देवा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में क्या है खास और अलग….
Dabangg 3: कहानी
जैसा की सलमान की फिल्म दबंग एक्शन, रोमांस और कॉमिक का मिक्सचर है, कुछ ऐसा ही देखने को मिला फिल्म ‘दबंग 3’ की शुरुआत में जहाँ एक्शन और कॉमिक अंदाज में हुई माचो मैन चुलबुल पांडे (सलमान खान) की एंट्री। असल में, मूवी की शुरुआत में, कुछ गुंडे शादी के एक शादी से गहने लेके भाग रहे थे लेकिन चुलबुल पंडे के होते ऐसा होना पाना नामुमकिन है, जी हाँ चुलबुल पांडे वहाँ पर सही वक़्त पर पहुँच गुंडों की धुलाई कर शादी में लूटे गए सोने के गहनों को गुंडों से बचाकर उसे वापस दिलवाता है।
लेकिन मामला तब संजीदा होता है, जब इस केस को सुलझाते हुए चुलबुल पांडे का सामना खूंखार माफिया सरगना बाली (सुदीप किच्चा) से होता है, जिसके बाद चुलबुल को उनके अतीत के वो तमाम घाव दर्द याद आ जाते हैं, जो अभी भी हरे हैं।
असल में, बाली ही वह दरिंदा था, जिसने चुलबुल की ज़िन्दगी सालों पहले तबाह कर दी थी, और अभी भी बाली का इरादा कुछ ऐसा ही था की वो एक बार फिर चुलबुल की जिंदगी बर्बाद करना चाहता है, ऐसे में, चुलबुल के लिए जरूरी हो जाता है कि अपनी वर्दी के लिए अपना फर्ज निभाने के साथ-साथ वो अपने परिवार की भी रक्षा करे।
दबंग पार्ट 3 में क्या है अलग?
जहाँ पहले 2 सीरीज में दर्शकों को रज्जो (सोनाक्षी सिन्हा) और चुलबुल की जोड़ी बेहद पसंद आई। वहीं दबंग 3 में दिखाया गया है कि रज्जो से मिलने से पहले चुलबुल का दिल खुशी (सई मांजरेकर) के लिए धड़कता था।
हालांकि चुलबुल की मां (डिंपल कपाड़िया) ने खुशी को चुलबुल के भाई मक्खी (अरबाज खान) के लिए पसंद किया था, लेकिन मक्खी को शादी करने में कोई रुचि नहीं थी, और चुलबुल को हो चुका था खुशी से प्यार इसलिए वो उनसे शादी करने वाले थे। लेकिन तभी बाली की नजर खुशी पर पड़ती है और वह खुशी को पाने के लिए हर हद पार करने को तैयार हो जाता है।
डायरेक्शन
डायरेक्शन के तौर पर प्रभु देवा ने मारी बाजी। उन्होनें हर हाल में यह कोशिश की है, वो सलमान की दबंग वाली दमदार छवि को बेहतरीन तरीके से लोगों तब पहुंचा सके। बात क्लाइमेक्स की हो, या फाइटिंग सीन की प्रभु देवा ने कहीं भी कमी नहीं छोड़ी। यहाँ तक की प्रभु देवा ने इस फिल्म में दहेज, नोटबंदी, पानी के सरंक्षण जैसे मुद्दों को भी उठाया है।
हाँ इस फिल्म में भी कई ऐसे सीन है जो असल ज़िन्दगी में एक पुलिस वाले के लिए कर पाना मुश्किल है। जैसे कि चुलबुल पांडे का एक साथ कई गुंडों को पीटना वो भी स्टाइल के साथ लेकिन रील लाइफ और रियल लाइफ में यही तो फर्क है, तो अगर लॉजिक ना लगाया जाये तो यह फिल्म आपको जरुर पसंद आएगी।
अभिनय
बात करें एक्टिंग की तो सलमान अपने चुलबुल पांडे वाले अंदाज़ में फिट बैठे नजर आये। उनके अलावा विलन का किरदार निभाते बाली के रूप में सुदीप किच्चा का किरदार भी कन्विंसिंग रहा। साथ ही रज्जो की भूमिका में सोनाक्षी हर बार की तरह परफेक्ट लगी, मगर उन्हें ज्यादा स्क्रीनस्पेस नहीं मिला है। वही इस फिल्म से अपना बॉलीवुड डेब्यू करने वाली अभिनेत्री साई प्यारी और मासूम लगी हैं। मक्खी के किरदार में अरबाज ने भूमिका के साथ पूरी तरह से न्याय किया है।
क्यों देखें फिल्म?
ऐसे में बाली ने चुलबुल के साथ क्या किया ? और अब रज्जो और चुलबुल के लव स्टोरी में कैसे बनेगा विलन? या फिर सलमान किस तरह से बाली को सिखायेंगे सबक ? इन सारे सवालों का जवाब पाने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।