women safety in india- देश में हर रोज़ न जाने कितनी लडकियां मारी जा रही हैं। और इनकी मौत का कारण कोई और नहीं सिर्फ, बलात्कार ही है। पहले निर्भया थी और आज ‘प्रियंका’. लेकिन इसके बीच में न जाने कितनी और बेरहम मौत हुई होंगी। हर लड़की की मौत को अब धर्म के नाम से जोड़ दिया जाता है। इसे भी हिन्दू या मुस्लिम के साथ जोड़ दिया जाता है।
दंगों से कुछ नहीं होगा, बदलाव के लिए फैसला लेना होगा
फिर क्या, दंगे हो जाते हैं, हिन्दू-मुस्लिम के नारे लगने लगते हैं, विरोध-प्रदर्शन होता है, और सरकार के खिलाफ सब एक साथ खड़े हो जाते हैं। यह सब कुछ दिन चलता है और फिर बंद हो जाता है। हमारे यहाँ एक लड़की को मदद के नाम पर उसके साथ दरिंदगी की साड़ी हदें पार की जाती हैं, अगर इसके बाद उस लड़की सांसें रुक जाएँ तो उसे जला दिया जाता है। हमारे यहाँ मंदिर में ही भगवान के सामने एक फूल सी बच्ची को अपनी हवस का शिकार बना लिया जाता है।
याद आती है, ‘निर्भया’ की, जिसकी मौत पर सारा देश एक साथ हो गया था। दिल्ली बंद करने की नौबत आ गई थी। उसने कहा था कि ‘माँ, मैं जीना चाहती हूँ।’ उसके लिए सारे डॉक्टर्स एक हो गए थे, लेकिन वह बची नहीं।
घर से बाहर एक कदम, और सब खत्म
हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक के साथ जो हुआ वह दिल दहला देने वाला था। अब लड़कियों के दिल में यह डर समा गया है।अब कोई भी लड़की घर से बाहर देर रात तक रुकने में भी डर रही है। अब चाहे वह कोई सरकारी वाहन क्यों न हो या खुद की गाड़ी कहीं भी महिला सुरक्षित नहीं। हर दिन एक नयी खबर आती है। लेकिन इस डर को खत्म करने के लिए अब देश में कदम उठाये जाने लगे हैं।
पंजाब में अब महिलाओं के लिए पुलिस प्रशासन देर रात तक साथ रहेगी। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने यह फैसला लिया है कि अब रात के 9 बजे के बाद से सुबह के 6 बजे तक अब पंजाब पुलिस राज्य की हर महिला को उसके घर तक सुरक्षित पहुँचाएगी। इस घोषणा के बाद से पंजाब में महिला सुरक्षा के लिए यह काम बेहद बेहतरीन बताया जा रहा है। अगर, कोई महिला किसी प्राइवेट परिवहन से अपने घर जा रही है तो उसके साथ
‘जीरो एफआईआर’ एक राज्य में ही क्यों, पुरे देश में क्यों नहीं
women safety in india- इसके साथ, आँध्रप्रदेश में भी कुछ ऐसी ही सोच सामने आ रही है। आँध्रप्रदेश के डीजीपी गौतम सावंग ने राज्य में सभी पुलिस स्टैशनों को ‘जीरो एफआईआर’ नियम लागू करने का आदेश जारी कर दिया है। अब, इस ‘जीरो एफआईआर’ के तहत, शिकायतकरता किसी भी पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। भले ही, वह उस थाने के अधिकार क्षेत्र में हो या नेहीं। हाल ही में, इस क्षेत्र में एक 31 साल के युवक ने एक 62 साल की महिला के साथ रेप कर उसे मौत के घात उतार दिया था। इस केस में यह भी मालुम हुआ था उस युवक ने महिला के घर से करीब साठ हज़ार रुपए भी उठा लिए थे।
लेकिन, क्या इन सब चीज़ों के बावजूद भी क्या महिला सुरक्षित होगी। क्या देश के लोगों की मानसिकता में बदलाव होंगे। हर कोई सुरक्षा की मांग कर रहा है, लेकिन, क्या हम उस जमाने में जाने लगे हैं जहाँ महिलाएं घर में ही बंद रहा करती थीं। क्या हम उस ज़माने की तरफ जाने लगे हैं कि जहाँ महिलाएं पुरुषों की जूती बन कर रहा करती थीं।
अब, महिलाएं अपनी सुरक्षा के लिए ‘सेफ्टी टूल्स’ रखने लगी हैं। जैसे, चाक़ू, पैपर स्प्रे, मास्क, आदि। उन्हें अब हर किसी से डर लगने लगा है। अगर, सरकार से सवाल करते हैं तो हर कोई चुप है। अगर, सरकार से कानून की बात करें तो इस बात को अनसुना कर दिया जाता है।
‘जब तक देश में महिलाओं के लिए यह कानून लागू नहीं होगा, तब तक अनशन करुँगी’ – स्वाति मालीवाल
दिल्ली के जंतर मंतर में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष, स्वाति मालिवाल, महिलाओं की सुरक्षा के लिए आमरण अनशन पर बैठ चुकी हैं। उन्होंने सरकार की तरफ ऊँगली उठा दी है।