एक बार फिर विवादों में आई Zomato, अब खुद के कर्मचारी कर रहे हैं विरोध

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Zomato

खाने को धर्म के साथ जोड़ने का एक और मामला सामने आया है। अब यह मामला पश्चिम बंगाल में देखने को मिल रहा है। इस बार कोई और है बल्कि कंपनी के खुद के कर्मचारी उसके खिलाफ हैं। रविवार से ऑनलाइन फ़ूड डिलीवरी कंपनी जोमाटो के डिलीवरी बॉयज़ हड़ताल पर बैठ गए हैं। विरोध कर रहे कंपनी के डिलीवरी बॉयज का कहना है कि कंपनी उन्हें बीफ और पोर्क डिलीवर करने पर मजबूर कर रही है। यह हड़ताल कोलकाता के हावड़ा में हो रही है।

विरोध कर रहे डिलीवरी बॉयज़ का कहना है की कंपनी उनकी मांगों को सुन नहीं रही है। कंपनी उन्हें मजबूर कर रही है बीफ और पोर्क को पहुँचाने में। यह विरोध-प्रदर्शन एक सप्ताह तक चल सकता है।

नौकरी देने से पहले ही बता दी जाती हैं सभी शर्तें – zomato

कंपनी ने इस मसले पर हंगामा कर रहे डिलीवरी बॉयज़ के लिए जवाब दिया कि कंपनी ने उन्हें नौकरी पर रखने से पहले ही सभी नियम-शर्तें बता दी थी। नौकरी के लिए आवेदनकर्ता को कंपनी पहले से ही अपने नियमों-शर्तों से अवगत कर देती है। कंपनी ने कहा कि विरोध कर रहे कर्मचारी अपनी नवकरी को सही तरीके से नहीं कर रहे हैं। हम देश को शाकाहारी और मांसाहारी लोगों में विभाजन आसानी से नहीं कर सकते है।

पहले भी ख़बरों में सामने आ चुका है खाने में धर्म का जुड़ना

यह पहला मौका नहीं है जब कंपनी सुर्ख़ियों में आयी हो। गाठ दिनों पहले एक कस्टमर ने अपना आर्डर इसीलिए कैंसिल किया था क्योंकि खाने को पहुंचाने वाला एक मुस्लिम युवक था। जब कस्टमर ने जोमाटो को डिलीवरी बॉय बदलने को कहा तो जोमाटो ने साफ़ इंकार कर दिया। यह मसला कई दिनों तक चला और कई लोगों ने इसपर आपत्ति भी जताई थी। कस्टमर ने एक ट्वीट भी किया था जिसमें उसने साड़ी बात लिखी। ट्वीट के जवाब में ज़मातों ने ट्वीट किया कि खाने का कोई धरम नहीं होता, यह खुद में धर्म है।

अब इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल के मंत्री राजीब बेनर्जी ने भी अपनी बात कह दी। मंत्री का कहना है की कंपनी को किसी भी व्यक्ति को उसके धर्म के खिलाफ जाने की बात नहीं करनी चाहिए। उनका कहना है की उन्हें इस मसले की जानकारी मिल चुकी है, जल्द ही इस वह इस मसले को देखेंगे।