सभी के विघ्नों को हरने वाले और समृद्धि के देवता भगवान गणेश हर शुभ कार्य से पहले ही पूजनीय हैं। भगवान गणेश को ज्ञान और भाग्य का देवता भी कहा जाता है। हर साल हिन्दू महीने के भद्रा के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और देवी माँ पार्वती के पुत्र भगवान गणेश का जन्मदिन है। परंपरा के अनुसार यह त्यौहार 11 दिन तक मनाया जाता है।
जोरो-शोरो से होने लगती हैं तैयारियां
इस साल गणेश चतुर्थी 2 सितम्बर को मनाई जाएगी। हमारे देश में इस त्यौहार को सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में मनाया जाता है। इस त्यौहार को लेकर लोग पहले से कई तरह की तैयारी करने लगते हैं। इस त्यौहार के पहले दिन लोग भगवान गणेश की मिट्टी से बनी प्रतिमा को घर लाते हैं, उनकी पुजा करते हैं, भजन-कीर्तन में लीन रहते हैं। और 11वे दिन भगवान गणेश को विसर्जित कर उन्हें विदा देते हैं। और प्रार्थना करते हैं कि प्रभु अगले साल आप फिर से आना। इस त्यौहार के लिए बाजार सजने लगते हैं। लोग अपने घरों को फूलों से सजाते हैं। मिठाई-पकवान बनने लगते हैं। लोग नए-नए कपड़े पहनते हैं। जगह-जगह भंडारे लगाए जाते हैं।
कई रूप में सवार हैं पार्वती पुत्र गणेश
मुंबई के लाल बाग़ के राजा के नाम से प्रचलित भगवान गणेश की प्रतिमा इस उत्सव में देखने में बड़ी सुन्दर होती है। इन मूर्तियों को बाहुबली, रिद्धि-सिद्धि, मूषक सवार, लव-कुश,गरुण पर विराजमान, पंचमुखी रूप आदि रूपों से बनाया जाता है। यह मूर्तियां देश के कोने-कोने में भेजी जाती हैं। इनको बनाने में कारीगर तीन महीने पहले से ही लग जाते हैं। और इनकी कड़ी मेहनत को देख हर कोई गणपति बप्पा मोरेया बोल उठता है।
कई क्षेत्रों में आयी बाढ़ ने बढ़ा दी हैं मुश्किलें
लेकिन इस बार गणेश चतुर्थी को लेकर लोग थोड़े परेशान से हैं। उनकी परेशानी का कारण है मुंबई और अन्य क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति का होना। राज्य में आयी बाढ़ ने कलाकारों द्वारा बनाई गयी भगवान गणपति की प्रतिमाओं पर पानी फेर दिया हैं। गणेश चतुर्थी आने के 10 दिन पहले ही बनाई गयी कलाकृतियों में रंग भरे जाने लगते हैं। पर समुद्री इलाकों में आयी बाढ़ ने सबके लिए चिंता बढ़ा दी है।
गोवा में मूर्तियां बनाने वाले कलाकारों का कहना है की इस बार बढ़ का पानी घर में घुस गया। जिसके कारण बनाई हुई मूर्तियों का नुक्सान पहुँच सकता है। कर्नाटक में भी मूर्तिकार इस बाढ़ के पानी से परेशान हैं। कर्नाटक के शिमोगा जिला मूर्ति बनाने के लिए मशहूर है। परन्तु जिले की मूंगा नदी भी उफान पर हैं और आस-पास के लोग इसको लेकर निराश हैं। इस बाढ़ से उनकी मेहनत,समय और पैसा सब खत्म हो रहा है।
आपको बता दें इस त्यौहार का बहुत से कलाकार बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। क्योंकि कई परिवारों की रोज़ी-रोटी का कारण सिर्फ यही कुछ 3-4 महीने हैं। जिनमें यह लोग अपनी कमाई करते हैं। इस त्यौहार के लिए यह लोग पहले से ही मूर्तियों को बनाने में जुट जाते हैं।
गोवा सरकार प्रदान करेगी राहत कार्य, पर्यावरण को बचायेंगे मंडल
वहीं गोवा सरकार ने हाल ही में एक बात कही। कहा गया की इस साल गणेश चतुर्थी से पहले ही बाढ़ से पीड़ित लोगों के लिए राहत कार्य के लिए राज्य सरकार अपना योगदान(कपड़े – खाना) देगी।
लगभग एक साल हो गया है प्लास्टिक बैन हुए, इसी के साथ कई मंडलियों ने फैसला लिया है की वो इस बार लोगों को इसके लिए जागरूक करेंगे। मंडलियों द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा करना और इसका ध्यान देना बेहद उम्दा फैसला है।