उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में एक बड़ा बदलाव आया है। योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्रिमंडल में विस्तार किये गए। बुधवार को राज भवन में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हुआ। इसमें शपथ ग्रहण समारोह में शपथ लेने वाले 23 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। सरकार में 18 नए मंत्री सरकार में शामिल हो गए हैं। वहीं, 5 मंत्रियों को प्रोमोशन मिला। साथ में, 6 कैबिनेट, 6 स्वतंत्र प्रभार और 11 राज्यमंत्रियों ने शपथ ली है।
इन सभी मंत्रियों को शपथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने दिलाई है। इसके बाद मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने मंत्रियों का स्वागत फूल दिए। वहीं, उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में महिलाओं की संख्या घट गयी है। जहाँ पहले योगी सरकार में 5 महिलाओं में से सिर्फ 4 महिलाएं रह गयी हैं।
किसे मिला कौन सा पद
कैबिनेट मंत्री –
डॉ. महेंद्र सिंह, सुरेश राणा, भूपेंद्र सिंह चौधरी, अनिल राजभर, राम नरेश अग्निहोत्री और कमला रानी।
राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार –
नीलकंठ तिवारी, कपिलदेव अग्रवाल, सतीश द्विवेदी, अशोक कटारिया, श्रीराम चौहान और रविंद्र जायसवाल।
राज्यमंत्री –
अनिल शर्मा, महेश गुप्ता, आनंद स्वरुप शुक्ला, विजय कश्यप, गिरिराज सिंह धर्मेश, लखन सिंह राजपूत, नीलिमा कटियार, चौधरी उदयभान सिंह, चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय, रामशंकर सिंह पटेल और अजित सिंह पाल।
नाबालिग हैं रामलला, उनकी संपत्ति को न बेचा और न ही छीना जा सकता – सी एस वैद्यनाथ, वकील
वहीं, सुप्रीम कोर्ट में पिछले कई दिनों से राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सुनवाई चल रही है। बुधवार को इस मामले की 9वी सुनवाई होनी थी। मंगलवार को हुई सुनवाई में दी गयी दलील में कहा गया कि शिलापटों पर बनी मगरमच्छ और कछुए की तस्वीरों से इस्लाम धर्म में कोई मेल नहीं है।
वहीं, बुधवार को सुनवाई में दी गयी दलील बड़ी दिलचस्प रही। इस दलील में रामलला को नाबालिग बताया गया है। रामलला के वकील सी एस वैद्यनाथन ने सुनवाई के दौरान कहा कि विवाद बन रही जमीन पर मंदिर रहा है या नहीं लेकिन लोगों के मन में इस जगह से आस्था जुड़ी हुईं है जो कहती है कि वही जगह राम जन्म स्थल है।
अयोध्या के भगवान राम को नाबालिग के रूप में कहने के साथ, वैद्यनाथ ने कहा कि अगर वहां कोई मंदिर था या नहीं था, कोई देवता थे या नहीं थे, लेकिन उस जगह से लोगों को एक आस्था है। इस स्थान पर भगवान् राम की मूर्तियां देकर उस स्थान को पवित्र बना देना चाहिए। रामलला नाबालिग हैं और उनकी सम्पत्ति को न तो बेचा जा सकता है न ही छीना।