देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए भाजपा नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वभाव और व्यापार में सख़्ती ला दी है। भ्रष्टाचार के चलते देश में कई लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुकदमे भी चल रहे हैं। और कई इसके लिए सजा भी भुगत रहे हैं। देश से इस गंभीर बीमारी को हटाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने एक अहम् फैसला लिया।
केंद्र सरकार ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के कुछ अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवनिवृत्त किया है। जनहित के मौलिक नियम 56 (जे) के आधार पर सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी अधीक्षक और एओ रैंक के पद पर हैं।
इन सभी को इस तरह से सेवानिवृत करने का कारण यही है कि सभी पर भ्रष्टाचार और गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगे हैं।
पीएम मोदी को मिला एक और अंतराष्ट्रीय पुरूस्कार
पीएम मोदी ने देश में अपने लिए प्यार, सम्मान और समर्थन तो कमा लिया है, इसी के साथ अब वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खूब सम्मान पा रहे हैं। प्रधानमंत्री को यूएई के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार आर्डर ऑफ जायद दिया गया। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी अलग अलग देशों से छह पुरस्कार पाए हैं। जिनमें से चार पुरस्कार मुस्लिम देशों ने दिए हैं।
नक्सली इलाकों के विकास कार्य को लेकर हुई चर्चा
देश में नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियानों और माओवाद से प्रभावित इलाकों में किये जा रहे विकास कार्य को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री ने एक बैठक की। इस बैठक में विकास कार्यों में हो रहे काम की समीक्षा की जायेगी। बैठक में छतीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिसा, झारखण्ड जैसे नक्सली हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों के मुख्यमंत्री मौजूद थे। यह अमित शाह की पहली बैठक थी जो कि गृह मंत्रालय के पद को संभालने के बाद की है।