CBI और ED की नज़रों में है अब कांग्रेस, झठे केस बता रही है यह पार्टी

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पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बाद अब कर्नाटक के कांग्रेसी नेता डी के शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर CBI की नज़र है। कांग्रेसी नेता डी के शिवकुमार पर आठ करोड़ रुपए के कालेधन को सफ़ेद करने की कोशिश करने का आरोप है। और इस आरोप को कांग्रेसी नेता लगातार झूठा बता रहे हैं। इसके लिए ED ने उन्हें एक नोटिस भी भेजा था जिसमें दिल्ली के ईडी दफ्तर में हाजिर होने का आदेश था। शिवकुमार ने इस गिरफ्तारी को राजनितिक खेल बताया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी का कहना की यह सब बीजेपी का किया धरा है। जबकि बीजेपी इसे करप्शन का मामला बताती है। ED द्वारा चार दिन चली पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। 2017 में शिवकुमार के साठ ठिकानों पर इनकम टैक्स की रैड पड़ी थी। जिसमें यह बात सामने आयी की शिवकुमार के पास करोड़ों की संपत्ति है।

गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस नेता ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने बीजेपी को ‘धन्यवाद’ लिखा। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार अपनी विफलताओं और आर्थिक स्थिति में आ रही तंगी को लेकर ऐसे झूठे केस कर रही है, जिससे की उनके कामों पर पर्दा पद सके।

कर्नाटक के संकटमोचक नेता माने जाने वाले डी के शिवकुमार के बाद उत्तराखंड और केंद्र स्तर के नेता हरीश रावत पर CBI की नज़र है। फिलहाल, सीबीआई ने हाईकोर्ट के समक्ष केस दर्ज करने की बात राखी है। ऐसे में जाहिर है, इस तरह की करवाई से कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ सके। उत्तरखंड में होने वाले पंचायत चुनाव में भी कांग्रेस को बड़ा झटका लग सके। सूत्रों के मुताबिक़,साल 2016 से CBI ने हरीश रावत के खिलाफ कई सबूत ढूंढ लिए हैं, जिनसे उनपर एफआईआर दर्ज हो सके। उस समय CBI ने हरीश रावत से दो बार पूछताछ की थी, जिसमें से कुछ सवालों के जवाब वो नहीं दे पाए थे। जिसके बाद केंद्रीय जांच ब्यरो ने 21 अगस्त 2019 को नैनीताल हाई कोर्ट ने इस मसले में जांच पूरी करने की मांग की है।