पूरे देश में गूंज रहा है, ‘जय श्री राम’, मुस्लिम पक्ष को अलग जमीन दी जाएगी।

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Ayodhya Verdict 2019

Ayodhya Verdict 2019: देश जिस फैसले के इंतजार में बैठा था, वह फैसला ले लिया गया है। भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले, भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम की जीत हुई है। अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद की विवादित ज़मीन के लिए फैसला आ चुका है।
यह मामला देश का सबसे पुराना मामला है। देश के सीजेआई रंजन गोगोई की अगुवाई में बैठी संवैधानिक पीठ ने यह फैसला सुनाया। संवैधानिक पीठ ने निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड द्वारा जारी किए गए दावे को, खारिज कर दिया है।
अयोध्या में अब राम जन्मभूमि न्यास को विवाद बन रही जमीन दे दी गई है।
इसके साथ, मुस्लिम पक्ष को अलग जमीन देने का आदेश भी संवैधानिक पीठ ने लिया। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगुवाई कर रही पीठ ने सरकार को इसके के लिए एक ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है।

Ayodhya Verdict 2019
Ayodhya Verdict 2019

Ayodhya Verdict 2019 चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने फैसला पढ़ते हुए कहा-

मिले दस्तावेजों को पढ़ कर यह ज्ञात हुआ है कि साल 1885 से पहले हिन्दू लोग अंदर पूजा नहीं करते थे।
विवादित हिस्से के बाहर ही राम चबूतरा और सीता रसोई में पूजा की जाती थी।
साल 1934 में दंगे हुए। जिसके बाद, मुस्लिम पक्ष ने एक्सक्लूसिव अधिकार आहत में नहीं रहे थे । फिर, मुस्लिम पक्ष अपना एकाधिकार साबित नहीं कर पाए थे।
बिना कोई विवाद किए हिंदुओं ने बाहर ही पूजा करनी चालू रखी।
साल 6 दिसंबर 1992 को मस्जिद का ढांचा ढहा दिया गया। तब से यह विवाद, आंधी की तरह रहा है।

Ayodhya Verdict 2019
Ayodhya Verdict 2019

इस संवैधानिक पीठ ने सुनाया फैसला

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में जिस संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाया, वह चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नज़ीर हैं। यह फैसला पांचों जजों की सर्वसम्मति से सुनाया गया है। पीठ ने 40 दिन तक लगातार सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

क्या कहती है एएसआई –

एएसआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खाली जमीन पर मस्जिद नहीं बनी थी। एएसआई में यह नहीं दिया गया है कि मंदिर को गिराकर मस्जिद बनाई गई, मुस्लिम गवाहों ने भी माना, दोनों पक्ष पूजा करते थे।
पुरातत्व विभाग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसने पाया कि नीचे हिंदू मंदिर पाया गया। वह गुंबद के नीचे समतल की स्थिति में था, जिसके अध्याय से हिंदू धर्म अयोध्या को राम का जन्मस्थान मानते हैं। 

Ayodhya Verdict 2019
Ayodhya Verdict 2019

क्या-क्या हुआ उस आधे घंटे में-

मुख्य न्यायाधीश ने फैसला सुनाना शुरू किया, उन्होंने कहा फैसला सुनाने में करीब आधे घंटे का वक्त लगेगा।शिया वक्फ बोर्ड की जमीन पर नियंत्रण की याचिका खारिज कर दी गई थी।
जस्टिस गोगोई ने कहा, राम जन्म भूमि कानूनी व्यक्ति नहीं। निर्मोही अखाड़े का दावा भी खारिज, कहा-निर्मोही अखाड़ा शबैत नहीं यानी उसे प्रबंधन का अधिकार नहीं है। जस्टिस गोगोई ने कहा, धार्मिक तथ्यों नहीं, बल्कि एएसआई की रिपोर्ट को ध्यान में रखकर कोर्ट फैसला ले रहा है, मस्जिद कब बनी अभी तक इस बात के पुख्ता सबूत नहीं हैं।