90’s Childhood Superstition कहते हैं, बचपन में बच्चों को जो कुछ सिखाओ बड़े होकर वो उनकी आदत बन जाती हैं। इसलिए जब हम बच्चे होते हैं, तब हमारे माँ-बाप हमें अच्छाई का पाठ पढ़ाने के लिए कई बार ऐसी बातों से डराते हैं, जिनका सच्चाई से कोई लेन देन नहीं होता। आज भी उनमें से कई बातें हमारे दिमाग में घर बनाएं बैठी हैं। वो बातें जब भी याद आती हैं, तब हम अपनी हंसी नहीं रोक पाते।
जैसे की अपने घर या आस-पास से सुने गए वो अंधविश्वासों जिनपर बचपन में यक़ीन करते थे। लेकिन अब सोच हंसी आती हैं, की हम इन अजब-ग़ज़ब बातों पर विश्वास कर किया करते थे।
चप्पल पर अगर चप्पल रखी हो तो लड़ाई पक्की
घर में इतनी फुर्ती में घुसते थे कि चप्पलों का ध्यान ही नहीं देते थे। एक चप्पल यहाँ तो दूसरी वहाँ। ऐसे में अगर एक चप्पल दूसरी चप्पल पर चली जाए। तो मम्मी कहती थी कि ऐसे लड़ाई हो जाती हैं और हम भी डर कर जल्दी से चप्पल सीधी कर देते थे। हालांकि आज तक यह लड़ाई हुई नहीं, हाँ हम चप्पल लाइन से रखना जरुर सिख गए।
झूठ बोलना पाप है, नदी किनारे सांप है
बचपन में हमें बात बात पर झूठ बोलने की आदत थी। ऐसे में एक बात थी जिसे डर कर हम झूठ नहीं बोलते थे और अगर कभी बोल देते तो डर की वजह से नींद नहीं आती थी। झूठ बोलना पाप है, नदी किनारे सांप है इस लाइन के मुताबिक नदी किनारें एक साँप रहता हैं जो झूठ बोलने वाले बच्चे को आ कर डस लेता हैं।
घर से निकलते वक्त अगर किसी ने टोका तो बस काम नहीं होना….
घर से निकलते ही कुछ दूर चलते ही वो जो मिसेज शर्मा रहती हैं ना उनसे जरा बच के निकलना। वरना अगर उन्होनें टोक दिया तो फिर काम नहीं बन पाना। बचपन का एक अन्धविश्वास यह भी था कि अगर कहीं जा रहें तो कोई टोके ना और अगर टोक दे तो थोड़ा रुक के निकलना चाहिए।
दांत टूटने पर चूहे के बिल में डाल दो, दांत अच्छा आते है
बचपन की सबसे बड़ी दिक़्क़त की दांत टूट जाते हैं। एक दांत आता तो दूसरा जाता ऐसे में दोस्त इतना चिढ़ाते की बस पूछो मत। तभी एक बात जो सब बोलते थे की अगर चूहे के बिल में दांत डाल आओ तो दांत जल्दी आते हैं और अच्छे आते हैं।
पेट में पेड़ उग जाएगा
भाई बचपन में इस बात से हम बड़े परेशान रहे हैं, कि अगर गलती से किसी फल का बीज़ पेट के अंदर चला जाए तब हर कोई कहता था कि पेट में उस फल का पेड़ उग जाएगा।
अरे, माना की हम बच्चे थे पर इतना उल्लू कौन बनाता हैं। इन सभी बातों से बचपन में कभी ना कभी आप जरुर गुजरे होंगे, और अगर बचपन में आप भी ऐसे ही किन्हीं अंधविश्वासों से उलझें हैं तो कमेंट में