2019 के लोकसभा चुनाव मे मिली जोरदार जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात 2.0 रेडियो प्रोग्राम का आगाज़ किया।
इस बार उन्होंने जल संरक्षण के मुद्वे पर बात की। देश में चल रही पानी की कमी से काफी लोग प्रभावित हो रहे हैं। हर साल होने वाली वर्षा से हम सिर्फ 8% ही पानी बचा रहे हैें। इस समस्या के निवारण के लिए नया जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया है। जिसमें इस समस्या के लिए कई अहम फैसले लिए जायेंगे।
इस मुद्दे पर उन्होंने पानी के संचय को लेकर और पानी को बचाने के लिए देश भर के ग्राम प्रधानों को पत्र लिखा और उनसे कहा कि वे गांव सभा बुलाकर सभी गांववालों से जल की समस्या पर बात करें। जिसमें 22 तारीख को हजारों पंचायतों के करोडों लोगों ने अपनी अपना भागीदारी दी।
मन की बात में प्रधानमंत्री ने लोगों से जल संरक्षण को लेकर 3 अनुरोध किए।
पहले अनुरोध में उन्होंने कहा कि जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें। हम सब साथ मिलकर पानी की हर बूंद को बचाने का संकल्प करना चाहिए। पानी परमेश्वर का दिया हुआ प्रसाद है, पानी पारस का रूप है। पानी की एक-एक बूंद को बचाने के लिए एक जागरूकता अभियान की शुरुआत करें। इसमें पानी से जुड़ी समस्याओं के बारे में बतायें, साथ ही, पानी बचाने के तरीकों का प्रचार-प्रसार करें।
“मैंने विशेष रूप से अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों व हस्तियों से, जल संरक्षण के लिए, अभिनव अभियानों का नेतृत्व करने का आग्रह किया फिल्म जगत हो, खेल जगत हो, मीडिया के हमारे साथी हों, सामाजिक संगठनों से जुड़ें हुए लोग हों, सांस्कृतिक संगठनों से जुड़ें हुए लोग हों, कथा-कीर्तन करने वाले लोग हों, हर कोई अपने-अपने तरीके से इस आंदोलन का नेतृत्व करें। समाज को जगायें, समाज को जोड़ें, समाज के साथ जुटें। आप देखिये, अपनी आंखों के सामने हम परिवर्तन देख पायेंगें।”
दूसरा अनुरोध में उनका कहना था कि देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके काफी समय से से उपयोग में लाए जा रहे हैं। उन्होंने सभी से जल संरक्षण के उन पारंपरिक तरीकों को लोगों तक बताने व पहुंचाने का आग्रह किया। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा की अगर आपको पोरबंदर, पूज्य बापू के जन्म स्थान पर जाने का मौका मिला हो तो पूज्य बापू के घर के पीछे ही एक दूसरा घर है, वहाँ पर 200 साल पुराना पानी का टांका में आज भी पानी है और बरसात के पानी को रोकने की व्यवस्था भी है।
तीसरे अनुरोध में उन्होंने जल संरक्षण को दिशा में देने वाले व्यक्तियों के, संस्थाओं के, और इस क्षेत्र में काम करने वाले हर किसी के पास इस सम्सया को लेकर जो जानकारी हो, उसे सभी से साझा करें ताकि एक बहुत ही समृद्ध पानी के लिए समर्पित, पानी के लिए सक्रिय संगठनों का, व्यक्तियों का, एक ङाटाबेस बनाया जा सके। और जल संरक्षण से जुड़ें ज्यादा से ज्यादा तरीकों की एक सूची बनाकर लोगों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया जा सके।
उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि #JanShakti4JalShakti हैशटैग का उपयोग करके भी आप सभी लोगों से अपना सुझाव बांट सकते हैं।
इतना ही नहीं उन्होंने 21 जून को मनाए गए योग दिवस के लिए लोगों का भी आभार व्यक्त किया।
होल्सिटक हेल्थ केयर के लिए आई जागरूकता से योग दिवस का माहात्म्य बढ़ाया है। भारत में, हिमालय से हिन्द महासागर तक, सियाचिन से लेकर सबमरीन तक, ऐयर फोर्स से लेकर ऐयरक्राफ्ट कैरियर्स तक, ऐसी जिम्स से लेकर तपते रेगिस्तान तक, गांवो से लेकर शहरों तक – जहां भी संभव था, ऐसी हर जगह पर ना सिर्फ योग किया गया, बल्कि इसे सामूहिक रूप से मनाया गया।
दुनिया के कई देशों के राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों, जानी-मानी हस्तियों,सामान्य नागरिकों टवीटर पर दिखाया कि कैसे उन्होंने अपने-अपने देशों में योग दिवस मनाया।