Bollywood Movies On Lord Ram: हम कई बार सुनते हैं कि कही-बोली बातें हम भूल जातें हैं, लेकिन जो बातें हम अपनी आँखों से देखते हैं हम उन बातों को कभी नहीं भूलते। कुछ ऐसी ही हैं, हमारे इतिहास से जुड़ी वो कहानियाँ जिन्हें हम कई वर्षो से सुनते आए हैं। लेकिन छोटे पर्दे से लेकर बड़े पर्दे पर उस इतिहास को दिखा हमारा इतिहास से ऐसा रिश्ता जोड़ा जो बेहद मजबूत हैं।
इन इतिहास से जुड़ी बातों में सबसे खास बात हैं, राम लाला की कहानी। हमारे देश में राम लाला से जुड़ी हर बात हमारे दिल से जुड़ी है। तो आइए आज उन फिल्मों के बारे में जानतें हैं, जिनमें दिखाई गई हैं, भगवान राम की कहानी।
रामायण (1986-1988)
दूरदर्शन के दिनों में छोटे पर्दे पर पहली बार रामायण के रुप में पौराणिक श्रृंखला, ने 1986 से 1988 तक अपनी लोकप्रियता के साथ इतिहास रचा। सीरियल रामायण के जरिये अभिनेता अरुण गोविल भगवान राम का चेहरा बन गए और आज तक जब हम भवगान राम को याद करते हैं तो आँखों के सामने अरुण गोविल की ही तस्वीर आती हैं। साथ ही हनुमान का किरदार निभाने के लिए अभिनेता दारा सिंह को याद किया जाता हैं । इस रामानंद सागर प्रोडक्शन ने भगवान राम की पूरी कहानी को कवर किया।
लंका दहन (1917)
रामकथा पहली बार बड़े पर्दे में 1917 में दिखाई गई थी। यह एक साइलेंट फिल्म थी। इस फिल्म का निर्देशन महान फिल्मकार दादासाहेब फाल्के ने किया था। इस फिल्म की सबसे खास बात यह रही कि इसमें भगवन राम और माता सीता दोनों का ही किरदार अन्ना सालुंके ने निभाया था। देखा जाए तो भारतीय सिनेमा में डबल रोल की शुरुआत फिल्म लंका दहन से ही की गयी थी।
सम्पूर्ण रामायण (1961)
फिल्म निर्माण के शुरुआती वर्षों में, पौराणिक कथाएं सबसे लोकप्रिय फिल्मों में से एक थीं। उस दौरान रामायण सबसे पसंदीदा महाकाव्य थी। बाबूभाई मिस्त्री ने 60 के दशक में महाकाव्य पर इस कॉस्ट्यूम ड्रामा का निर्देशन किया था। जिसमें भगवान राम के जन्म से लेकर रावण के वध तक का जीवन वर्णन किया गया था।
रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम (1992)
रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम में हमे पहली बार एनीमेशन प्रारूप पर रामायण की कहानी देखने को मिली थी। इसका निर्माण एक जापानी निर्देशक युगो साको ने किया था। वहीं भगवान राम के किरदार के लिए फेमस अरुण गोविल ने इस फिल्म में उसी किरदार की आवाज के लिए बरकरार रखा गया था। ताकि दर्शक आसानी से इससे जुड़ सकें। वहीं अमरीश पुरी ने रावण के किरदार के लिए आवाज़ दी थी ।
हनुमान (2005)
भारत की पहली पूर्ण फीचर-लंबाई वाली एनीमेशन फिल्म, हनुमान ने भगवान राम के एक भक्त, भगवान हनुमान के दृष्टिकोण से रामायण की कहानी को फिर से लिखा। हनुमान की सफलता ने समान रेखाओं पर एनीमेशन फिल्मों की एक कड़ी को स्थापित किया और आज तक पौराणिक कथा एकमात्र ऐसी फिल्म है। जिसमें मुख्य रूप से एनीमेशन प्रारूप का उपयोग किया गया है।
रामायण: द एपिक (2010)
केतन मेहता ने रामायण के इस 3 डी एनीमेशन संस्करण का निर्देशन किया। जिसमें राम और सीता के लिए मनोज बाजपेयी और जूही चावला ने आवाज दी थी। जबकि रावण की आवाज के रूप में आशुतोष राणा थे। हालांकि एनीमेशन काफी सभ्य था, युवाओं सहित दर्शक भी कथा से परिचित थे।
यह थी वो फिल्में जिनमें भगवान राम का पूरा जीवन दिखाया गया।