Maharashtra Government- देवेंद्र फडणवीस ने दिया अपने पद से इस्तीफ़ा

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Devendra Fadnavis resigns from CM post

Devendra Fadnavis resigns from CM post- मंगलवार को महाराष्ट्र में दूसरी बार सीएम बने, देवेंद्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। शनिवार सुबह ही उन्होंने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्होंने मंगलवार, यानी 26 नवंबर को दोपहर 2:30 बजे अपने पद से इस्तीफ़ा दिया।

फडणवीस ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा- चुनाव में लोगों ने महायुति को बहुमत दिया है। हमने शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन यह जो जनादेश दिया गया है वो भाजपा पार्टी को मिला। क्योंकि हमने 70% सीटों पर कब्ज़ा किया था। हमने कभी ढाई-ढाई साल के सीएम का वादा नहीं किया था। हमने शिवसेना का काफी इंतज़ार किया। शिवसेना ने हमने चर्चा के बजाए कांग्रेस, एनसीपी से चर्चा की। शिवसेना ने अपना ही मज़ाक बना लिया। अब हमारे पास बहुमत नहीं है।

फडणवीस के इस्तीफे के पहले से ही, अजित पवार ने भी अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। इसके बाद, संजय राउत का कहना था कि वह उनके साथ हैं और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे अगले पांच साल के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे।

Devendra Fadnavis resigns from CM post- देश को शायद भनक भी नहीं थी कि कल सुबह महाराष्ट्र को नया मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मिल जाएगा। अगले दिन चुप-चाप तरीके से शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। लेकिन, मंगलवार को महाराष्ट्र के डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने भी अपने पद से इस्तीफ़ा दी दिया था।

अब लग रहा है, कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का पद पाना कोई मज़ाक बन चूका है। जब मर्ज़ी सरकार बन रही है, जब मर्ज़ी सरकार गिर रही है। राज्य में किसी भी तरीके से राष्ट्रपति शासन लगाया जा रहा है। जब मर्ज़ी राष्ट्रपति शासन को हटाया जा रहा है।

Devendra Fadnavis resigns from CM post- पहले यह बात सामने आ रही थी कि महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना मिलकर सरकार बनाएगी। फिर, चुनाव हुए। चुनावों की गिनती हुई तो यह बात सामने आने लगी कि दोनों पार्टियों के बीच में ही कुछ अनबन चल रही है। बवाल हुआ। कभी कुछ तो कभी कुछ। शिवसेना ने भाजपा से नाता तोड़ दिया। शिवसेना फिर एनसीपी और कांग्रेस के पास पहुंची। फिर, यह खबर आयी की अब यह तीनों पार्टी सरकार बनाएगी।

नतीजे को आए हुए काफी दिन हो गए थे। फिर, राज्य में हंगामा हुआ राष्ट्रपति शासन के लगाए जाने का। राष्ट्रपति शासन लगा। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने इसका विरोध किया। उन तीनों पार्टियों का कहना था कि उन्हें पार्टी बनाने का मौका नहीं दिया गया। भाजपा ने इसपर कहा – जिसके पास बहुमत है, वो सरकार बनाए।

Devendra Fadnavis resigns from CM post- जैसे-तैसे लोगों का ध्यान, बाकी की तीनों पार्टियों के विधायकों पर लगा ही था, कि 23 नवंबर की सुबह भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी नेता अजित पवार को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के पद की शपथ लेते दिखाई दिए। उन्हें शपथ दिलाई थी राज्यपाल ने।

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फिर, आया देश के उच्च न्यायालय का नंबर। यह मामले को कोर्ट में लेकर पहुंचीं शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस। कोर्ट ने मामला सुना और आदेश दिया की 27 नवंबर को फ्लोर टेस्ट किया जाएगा। सोमवार को एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस के 162 विधायकों की एक मीटिंग हुई, मुंबई के ग्रैंड हयात होटल में। यहाँ सभी विधायकों ने शपथ ली थी। उन्होंने यह शपथ ली कि हम पार्टी के लिए ईमानदार रहेंगे। किसी भी तरह के प्रलोभन के आगे नहीं झुकेंगे। और यह बात गौर करने की है कि तीनों पार्टियों के पास 162 विधायकों की बहुमत है।