जिन चीज़ों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए,वहीं बिगड़ी है स्थिति

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Financial Problems In India

Financial Problems In India- देश की गिरती अर्थव्यवस्था के बाद से अब वित्त मंत्रालय के सामने काफी परशानियों ने जन्म ले लिया है। वित्त मंत्रालय ने अगर जल्द-से-जल्द इन परेशानियों का हल नहीं निकाला, तो देश को डूबने से कोई नहीं बचाएगा। देश में आर्थिक समस्याएं बहुत सी हैं, जिनके खिलाफ सरकार को काम करना था, लेकिन काम नहीं किया गया।

देश में बढ़ रही बेरोज़गारी सरकार के सामने सबसे बड़ी परेशानी बन चुकी है। देश के युवाओं के लिए जिस तरह सरकार ने नौकरी और रोज़गार के लिए राह खोलने का वादा किया था उसी उत्साह की तरह देश उतना बढ़ नहीं रहा है। भाजपा जब केंद्र में अपनी सरकार बनाने जा रही थी तो पीएम मोदी ने युवाओं के लिए हर साल 1-2 करोड़ नई नौकरियाँ देने का वादा किया था। हाल ही में, नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस के लीक हुए डाटा के हिसाब से, 45 सालों में बेरोज़गारी अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच चुकी है।

Financial Problems In India- इसके बाद, देश में अब निवेश लाने की चुनौती है, जिससे कि नई नौकरियाँ पैदा हों। इसके लिए सरकार को नए निवेशक लाने होंगे। देश में निवेश को बढ़ाना होगा। अब देश में प्राइवेट सेक्टर निवेश नहीं कर रहे हैं। अब, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने प्राइवेट सेक्टर और गवर्नमेंट सेक्टर में निवेश को बढ़ाना जरुरी होगा। इसके साथ ही अगर इनकम टैक्स भी जरुरी मुद्दा है, वरना देश में रेवेन्यू ग्रोथ नहीं होगा। अब देश में कच्चे तेल की कीमत में भी बढ़त देखी गई है। देश में महंगाई का दबाव भी बढ़ गया है। जिन-जिन क्षेत्रों में सरकार आगे बढ़ने को सोच रही थी, उनकी तरफ कदम नहीं बढ़ा पा रही है। देश में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन भी बीते दो तिमाही में बहुत कमज़ोर हो गया है। पिछले पांच सालों से फार्मिंग सेक्टर में भी धीरे-धीरे गति बढ़ी है। लेकिन, कुछ ख़ास असर नहीं हुआ है।

देश की नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनियों की हालत भी ठीक नहीं है। देश की सबसे बड़ी संस्था इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंसियल सर्विसेज भी एक तरीके से ख़त्म हो चुकी है। बैंकों से लिया गया क़र्ज़ भी अभी तक वापस नहीं आया है। अब, बैंकों की स्थिति भी इस तरह की होगी तो देश के कैसे किसी उद्योगपतियों और छोटे और मंझोले उद्योगों को क़र्ज़ मिलेगा। देश में मुद्रा योजना की भी बात की गई थी लेकिन कोई भी बात आगे नहीं बढ़ी।

भारत सरकार ने जारी किए नए आंकड़े, अब देश की जीडीपी 4.5 फीसदी पहुँची।

केंद्र में सरकार बनने के दौरान बहुत से वादे किए गए थे। लोगों से कहा गया था कि देश का पैसा लेकर भागे बड़े-बड़े उद्योपतियों के खिलाफ सरकार स्ट्रिक्ट एक्शन लेगी। लेकिन, देश का पैसा लेकर भागे नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या, नितिन संदेसरा, और जतिन मेहता लोग तो अभी भी मज़े की जिन्दगी जी रहे हैं। इन लोगों के खिलाफ अलग-अलग केस चलाए गए हैं और उनके ऊपर कार्रवाई की गई है। यह भी बातें यकीन सी नहीं लग रही।