General Assembly 2019 – हरियाणा में कांग्रेस पर गिर सकती है गाज

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हरियाणा

हरियाणा में एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए राजनैतिक दल के जीतने के आसार नज़र आ रहे हैं। महाराष्ट्र में तो पहले से ही बीजेपी-शिवसेना की गठबंधन वाली सरकार आगे दिखाई दे रही है। सोमवार को दोनों प्रमुख राज्यों – महाराष्ट्र और हरियाणा, में हुए चुनावों का एग्जिट पोल तो यही दर्शाता है कि इस बार भी बीजेपी ही सीटें ले जाएगी।

हरियाणा में कुल मिलाकर 90 सीटें हैं। इस राज्य के विधानसभा चुनाव में कुल उमीदवार 1,169 हैं। जिनमें 105 महिलाएं हैं। इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रमुख पार्टियां भाजपा, कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल रही हैं। इस साल के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के 90 उम्मीदवार रहे हैं। इसके साथ बीएसपी ने 87 उमीदवार, आईएनएलडी के 81 उमीदवार, सीपीआई के 7, एनसीपी के 1 उमीदवार, 375 इंडिपेंडेंट उम्मीदवार और 434 निर्दलीय उमीदवार शामिल हैं। इस बार भारतीय जनता पार्टी का सामना सिर्फ कांग्रेस से ही नहीं, बल्कि जननायक जनता पार्टी से भी है।

एक प्रतिष्ठित भारतीय न्यूज़ वेबसाइट की मानें तो इस राज्य में बीजेपी को 71, कांग्रेस को 11 व अन्य को 8 सीटें मिल सकती हैं। ऐसे में एग्जिट पोल यह बता रहा है कि एक बार फिर मनोहर लाल खटटर ही दिखाई देने वाले हैं। राज्य में सीएम खट्टर (करनाल), पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा (गढ़ी सांपला किलोई), रणदीप सिंह सुरजेवाला (कैथल), किरण चौधरी (तोशाम) और कुलदीप विश्नोई (आदमपुर) और जजपा के दुष्यंत चौटाला (उचना कलां) जैसे बड़े नेताओं के नाम सामने आए।

इस बार के विधानसभा चुनाव में 65% वोट डले थे। अगर 2014 में हुए विधानसभा की वोटिंग को देखें तो इस साल की रिपोर्ट में यह परसेंटेज बहुत कम ही होगी। 2014 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 15 सीटें मिलीं थी, बहरहाल, 2019 में इस पार्टी को कुल 14 सीटें मिल सकती हैं। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस को एक सीट का नुक्सान हो सकता है।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस ने 90 उम्मीदवार, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने 87 उम्मीदवार, इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) के 81, सीपीआई के 4, सीपीएम के 7, एनसीपी के 1, एनसीपी के 375 उम्मीदवार हैं। निर्दलीय और 434 मैदान में हैं।

इस बार प्रदेश में कुल 19,578 मतदान केंद्र बनाए गए। पिछली बार के मुकाबले इस साल मतदाताओं की बढ़ोतरी देखी गयी है। इस बार तीन लाख मतदाताओं की संख्या ज़्यादा रही है। पिछली बार के विधानसभा के चुनाव में बीजेपी ने बेहतरीन जाट हासिल की थी। पूर्ण बहुमत से मनोहर लाल खट्टर ने अपनी सरकार बनाई थी।