Grandpa Kitchen: नहीं रहे ‘ग्रैंडपा किचन’ वाले दादाजी, अब कैसे मिट पाएगी गरीब बच्चों की भूख ?

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Grandpa Kitchen

‘Grandpa Kitchen’ – आपने कभी न कभी किसी अनाथालय में बच्चो को खाना खिलाया होगा? सड़क पर आपको भी कोई अनजान बच्चा दीदी-भैया कहता हुआ पैसे की मांग कर रहा होगा? और, आपने उसे अपनी जेब से कुछ पैसे या फिर 20-50 रुपए का खाना खिला दिया होगा। कहीं किसी चौराहे पर, या रेड लाइट पर, किसी बड़ी दुकान के पास, या फिर किसी बड़े से मॉल के पास पेन और गुलाब के फूल बेचते हुए बच्चों को जरूर देखा होगा। कभी प्यार से मन किया होगा या फिर दुत्कारा होगा। लेकिन, यह सब काम उन बच्चों ने दो रोटी खाने के लिए ही किया होगा?

Grandpa Kitchen ‘ – अजी यह सब छोड़िए, आप दिनभर अपने मोबाइल में लगे रहते हैं। कभी कोई मूवी देखते हुए, कभी कोई गाना सुनते और गुनगुनाते हुए, कभी कोई नयी चीज़ सीखते हुए या किसी से बात करते हुए। इन सब के साथ आपने यु-ट्यूब पर भी कुछ न कुछ देखा ही होगा। यु-ट्यूब पर कई सारे लोगों ने अपने-अपने चैनल्स बनाए हुए हैं। कोई संगीत सीखा रहा है, कोई अपने हुनर से सबको कोई नयी चीज़ सीखा रहा है।

इसी यु-ट्यूब की दुनिया में मशहूर हैं एक व्यक्ति, – ‘ग्रैंडपा किचन’ वाले दादाजी। दादाजी का नाम है, नारायण रेड्डी। तेलंगाना के रहने वाले नारायण रेड्डी का निधन हो गया है। उनकी उम्र 73 साल थी, और वह काफी समय से बीमार भी थे। दुनिया भर के लोग उन्हें ‘नारायण रेड्डी’ के नाम से कम बल्कि ‘ग्रैंडपा किचेन’ के नाम से जानते थे। उनके यु-ट्यूब चैनल पर लगभग 60.11 लाख सब्सक्राइबर्स हैं।

Grandpa Kitchen ‘ – उन्होंने अपने इस यु-ट्यूब चैनल की शुरुआत दो साल पहले की थी। तारीख थी, 26 अगस्त 2017 जब उनके यु-ट्यूब चैनल ने इस दुनिया में कदम रखा था। उनके यु-ट्यूब चैनल पर सारी वीडियो लगभग 12-15 मिनट की ही रहती हैं। इन सारी वीडियो में वह अक्सर 100 लोगों के लिए खाना बनाते हुए दिखाई देते हैं। नारायण रेड्डी यह मानते थे, एक बार में कम से कम 100 लोगों की बूख मिटानी चाहिए। वह, केयरिंग और शेयरिंग पर ज़्यादा विशवास रखते थे। उनके द्वारा बनाए गए खाने से गरीब और अनाथ बच्चों की भूख मिटाई जाती थी।

Grandpa Kitchen ‘ – वह अपनी हर वीडियो का शूट अक्सर खेतों और किसी नहर के किनारे ही करते थे। उनकी रसोई में गरीब और अनाथ बच्चों के लिए चिकन, पिज़्ज़ा, मैगी, चॉकलेट केक, मटन बिरयानी जैसी स्वादिष्ट डिशेस बनाई जाती थीं। यु-ट्यूब ही उनकी कमाई का एक-मात्र जरिया था। जैसे-जैसे उनकी यह कमाई बढ़ने लगी तो उन्होंने और उनके परिवार ने धीरे-धीरे अपनी जॉब छोड़ दी थी, और इस काम को फुल-टाइम काम करने लगे।