आखिर क्यों हैं देश भर के डाक्टर नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में आज रखेंगे 24 घंटे का बंद

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नेशनल मेडिकल कमीशन बिल

आज देशभर के लाखों डॉक्टर्स देशव्यापी हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल की घोषणा इंडियन मैडिकल एसोसिएशन ने करी थी। बुधवार सुबह 6 बजे से शुरु होने वाली हड़ताल गुरूवार सुबह 6 बजे तक चलेगी। इसमें इमरजेंसी, ट्रॉमा सेंटर, आईसीयू और संबंधित सेवाएं चालू रहेंगी। अति आवश्यक और इमरजेंसी सेवाओं को चालू रखा जाएगा। इस हड़ताल को करने का कारण है – लोकसभा द्वारा पास हुए नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2019 का विरोध। कहा जा रहा है कि जल्द ही इसे राज्य सभा में पेश किया जाएगा, अगर यह बिल राज्य सभा में पास हो गया तो फिर ये कानून बन जाएगा। लेकिन इस बिल में कुछ ऐसे प्रावधान दिए हैं, जिसको लेकर भारत के डॉक्टर्स नाराज़ हैं।

Source: Zee News

इस हड़ताल की वजह से सबसे ज़्यादा परेशानी मरीजों को हो रही है। राजधानी में कई ऐसे लोग हैं जो देश के कोने कोने से अपना इलाज कराने आते हैं। तो ऐसे में जायज़ है की उनके लिए यह एक बड़ी समस्या है।

नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध करने के बारे में आईएमए कह रहा है कि, इस बिल के पास होने से मैडिकल कॉलेज में शिक्षा प्राप्त करना महंगा होगा। मैडिकल कॉलेज वाले 50 प्रतिशत से ज्यादा सीटों को अधिक दर में बेच सकते हैं। नेशनल मेडिकल कमीशन बिल में एक धारा भी मौजूद है – धारा 32, जिसके तहत चिकित्सा की शिक्षा नहीं लेने वाले भी लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। देश में चिकित्सा शिक्षा नहीं लेने वालों की संख्या साढ़े तीन लाख है। आईएमए का कहना है की इस बिल में कम्युनिटी हेल्थ प्रोवाइडर शब्द को सही ढंग से नहीं समझाया गया है।

यदि यह बिल कानून का रुप ले लेता है तो पूरे देश में मैडिकल कॉलेजों में एक ही एंट्रेंस टेस्ट देना होगा, नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट। इतना ही नहीं, पढ़ाई पूरी करने के बाद भी डॉक्टरों को एक और टेस्ट देना पड़ेगा। यह टेस्ट मैडिकल प्रैक्टिस करने के लिए होगा। परीक्षा पास करने वालों को ही मैडिकल प्रैक्टिस करने के लिए लाइसेंस मिलेगा। और पोस्ट ग्रैजुएशन में दाखिला भी टेस्ट रिजलट के हिसाब से मिलेगा। इस बिल में दुसरी परिक्षा के बारे में कोई बात नहीं की गई है, यानि कि छात्र को एक बार में ही परिक्षा पास करनी होगी।

निजी मैडिकल संस्थानों की 40 प्रतिशत सीटों की फीस के बारे में भी नेशनल मैडिकल कमीशन ही तय करेगा। बाकी की सीटों के लिए संस्थान खुद फीस तय कर सकती है। इस बिल में काफी ऐसी चीजें हैं जिसके खिलाफ डॉक्टरर्स ने हड़ताल करने जैसा बड़ा कदम उठाया है।

इसी के बारे में आईएमए बुधवार शाम एक मीटिंग करेगा, जिसमें आगे की योजना के बारे में बात की जाएगी।