एक बार फिर सांसदों के लिए सख्त हुए प्रधानमंत्री, नाम बताने को कहा

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प्रधानमंत्री

एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा संसदीय दाल की बैठक में न आने वाले मंत्रिओं के लिए सख्त हो गए हैं। उन्होंने संसद में होने वाली रोस्टर ड्यूटी में अपनी उपस्थिति नहीं दिखाने वाले मंत्रियों के नाम शाम तक देने की बात कही.उन्होंने इस बात को स्पष्ट कहा की सभी सांसदों और मंत्रियों को संसद के हर काम में रहना चाहिए।

सूत्रों ने बताया, प्रधानमंत्री ने कहा की सभी सांसदों और मंत्रियों को सरकारी कामों व योजनाओं के साथ सामाजिक कार्यों में भी हिस्सा लेना चाहिए। सदन सत्र में भी शामिल चाहिए। उन्होंने साथ में यह भी कहा की जो असर शुरुआत में रहेगा वो ही अंत तक रह सकता है। इससे साफ़ स्पष्ट हो रहा है की प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रियों के लिए जोर पकड़ ली है।

देश में त्राही मचा रही बाढ़ से हर कोई परेशान है, इस पर प्रधान मंत्री ने कहा की देश जल संकट का सामना कर रहा है और सांसदों को इस परेशानी को लेकर अपना काम करना चाहिए। इसके लिए उन्हें अपने क्षेत्र के अधिकारियों के साथ मिलकर जल संकट से बचने के लिए बात करनी चाहिए। सांसदों को अपने अपने क्षेत्र की जनता को सरकार की नीतियों और योजनाओं के बारे में भी अवगत कराना चाहिए।

गौरतलब है की पिछले महीने हुई बैठक में भी प्रधानमंत्री ने सांसदों को संसद के हर काम में उपस्थित होने को कहा था। और 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक अपने अपने क्षेत्र में 150 किलोमीटर तक पदयात्रा करने का भी निर्देश दिया था। अब देखना यह होगा की प्रधानमंत्री अनुपस्थित मंत्रियो और सांसदों के लिए क्या कड़ा कदम उठाएंगे।

वहीं संसद में अभी भी बजट सत्र चल रहा है। लोकसभा में मंगलवार को गृहमंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में हो रहे आतंकी हमलों में शहीद जवानो और आतंकी घुसपैठ वाली वारदातों के बारे में बात हुई। गृहमंत्रालय द्वारा दिए गए आंकड़ों में बताया गया कि राज्य में होने वाले घुसपैठ की संख्या में 2018 की तुलना में 43 फीसदी की कमी आई है। 2014 से अब तक 963 आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया जिनमें 413 जवानों ने अपनी जान कुर्बान की है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुदानों को लेकर चल रही चर्चा पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा अगर आपको अच्छी सर्विस चाहिए तो आपको इसके लिए भुगतान करना पड़ेगा। सड़क हादसों को कम करने के लिए उन्होंने कहा की इसके लिए इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग और यातायात प्रबंधन पर ध्यान देना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा की हमारे यहाँ अच्छे ड्राइवर्स की कमी है।