मिलिए फिल्म ‘Saand ki Aankh’ की असली हीरोइन से, रोचक है, इनकी कहानी…

0
1970
Saand ki Aankh'

Saand ki Aankh: कभी सुख है, तो कभी दुःख है, लोगों के ताने अधिक है, पर तारीफें कम है, घर के काम से लेकर बाहर के काम भी संभालती है, लेकिन फिर भी वो कमजोर ही कहलायी जाती है। बात आज की हो या बीते वक़्त की वो हमेशा लोगों के नज़रों में बेचारी ही है। सच ही है, ना कुछ ऐसी ही तो है, हमारे समाज में औरत की कहानी…

वो अगर तुम्हारा साथ चाहे तो तुम उसे बेबस और लाचार कहते हो, वहीं अगर वो बिना तुम्हारे साथ के आगे बढ़े तो तुम उसके चरित्र पर ऊँगली उठाते हो।

लेकिन क्यों भूल जाते हो की, जो दूसरों को संभालती है, खुद की बारी आने पर भी वो आवाज़ उठाना जानती है, और एक बार जब वो ठान ले ना तो कुछ भी कर सकती है- इस बात का जीता जगता सबूत है, बागपत, मेरठ की रहने वाली वो दो दादियाँ (चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर) जिन्होंने हम सभी को सिखाया कि- अगर कुछ करने की सच्ची चाहत हो तो कोई भी हमें नहीं रोक सकता।

बता दें यह वहीं दो दादीयाँ है, जिनके ऊपर बनाई जा रही है, फिल्म सांड की आँख: तो आइये जानते है, क्या है इस फिल्म की असली हीरोइन यानि चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर कि कहानी।

एक औरत जब किचन में कोई नई डिश बनाती है, तो सबको उम्मीद होती है, कि कुछ अच्छा बनेगा पर; वही औरत जब घर से बाहर निकल कर कुछ हट कर अलग करना चाहती है, तो सिर्फ उसका मज़ाक बनता है।

कुछ ऐसा ही हुआ, 87 साल की चंद्रो तोमर के साथ जिन्होंने 65 साल की उम्र तक वो सब किया जो एक महिला को करने के लिए कहा जाता है, उन सभी फर्ज़ को पूरा किया जिसकी समाज ने उनसे उम्मीद की थी। बच्चे सँभालने से लेकर घर की देखभाल फिर पोता-पोती सबका पालन किया, आखिर एक औरत का यही तो काम है।

Saand ki Aankh
Saand ki Aankh

65 साल की उम्र तक उन्होंने यह सब किया तब तक वो लोगों को सर्वगुण संपन्न लगी, लेकिन कहीं ना कहीं अभी कुछ अधूरा था।

एक औरत ना हमेशा दूसरों के लिए करते करते अपने बारे में सोचना ही भूल जाती है। वो भूल जाती है, कि उसके भी कुछ सपने थे उसके भी कुछ ख्याल अपने थे। लेकिन, जहाँ लोग 30 40 की उम्र में पहुँचने के बाद कुछ नया करने से डरते है। वहीं 65 साल की उम्र में चंद्रो तोमर ने अपने हाथ में बंदूक उठाई।

कुछ यूँ शुरु हुआ सफर

हालांकि इसकी वजह थी, उनकी पोती शेफाली। असल में, शेफाली शूटिंग सीखती थी। जिसके लिए उनकी दादी शूटिंग सिखाने के लिए उनके साथ शूटिंग पर गई, क्यूँकि शेफाली को शूटिंग से डर लगता था। तीन चार दिन हुए थे, लेकिन शेफाली को फिर भी डर लगता था, तो अपनी पोती का डर भागने के लिए उन्होंने अपने हाथ में, बन्दूक ले ली, और जब लोड करके उन्होंने गोली चलाई तो गोली जाकर सीधा बीच में लगा, और वहाँ मौजूद सभी बच्चे ने बोला- “दादी तू खेला कर, तू तो चोखा खेलेगी”

बस यहाँ से हुआ, शूटर दादी का सफर शुरु हुआ और उनके इस सफर में उनका साथ दिया उनकी देवरानी प्रकाशी तोमर ने, बहरहाल यह सफर आसान नहीं था।

Saand ki Aankh
Saand ki Aankh

शूटर दादी का यह सफर काफी कठिन रहा। उनके इस सफर में, लोगों ने उनका मजाक उड़ाया करते थे और ऊपर से घर की ज़िम्मेदारी। तीन परिवार एक साथ रहते थे, और इतने बड़े घर में जहाँ सभी लोग देर 12 बजे तक ही सोते थे और फिर सारे घर के काम निपटाने के बाद चंद्रो और प्रकाशी पानी भरने जाया करती थी।

फिर उसके बाद आता था वो वक़्त जब यह दोनों प्रैक्टिस किया करती थी। वहीं अपनी प्रैक्टिस के साथ इन्होने धीरे धीरे पोती को भी ग्रुप में शामिल किया। शुरआत में, दोनों के हाथ इतने कांपे की प्रयास करना मुश्किल हो रहा था।

दोनों दादियों की लगन देखकर महज 15 दिन में अखबार में नाम आ गया, नाम भी काम भी और फोटो भी। हालांकि लोग क्या कहेंगे इस डर से उन्होंने तुरंत छिपा लिया कि कोई पढ़ेगा तो क्या बोलेगा। वहीं जब बेटे ने आकर पूछा की माँ अखबार कहाँ है, बाहर तो गुणगाण हो रहा कि बुढ़िया ने परिवार का नाम रोशन कर दिया। तब जा कर उन्होंने घर में अखबार दिखाया। जिसे देख सभी घर वाले काफी खुश हुए।

Saand ki Aankh
Saand ki Aankh

6 बच्चों और 15 पोते-पोती वाली ये शूटर दादी ना सिर्फ बेलन बल्कि रिवाल्वर चलाने में माहिर हैं। इन्होंने शूटिंग में एक या दो नहीं पूरे 25 नेशनल चैंपयिनशिप जीतें हैं। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले की जोहरी गांव की रहने वाली यह ‘शूटर दादी’ सभी के लिए एक आदर्श है। ये दुनिया की सबसे ज्यादा उम्र की शूटर हैं। इस उम्र में भी वह बिल्कुल सटीक निशाना लगाती हैं।

तो इन दादियों ने यह साबित कर दिखाया कि कुछ करने की कोई उम्र नहीं होती। बीएस जरुरत है, चाहत और सच्ची लगन की

गौरतलब है, शूटर दादी ने पूरे यू पी का नाम रोशन किया और इसी वजह से उनकी जीवनी के ऊपर एक फिल्म बनाई जा रही है, जिसका नाम है, ‘सांड की आँख’ फिल्म में चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर का किरदार निभा रही है, भूमि पेडनेकर और तापसी पन्नू।

Saand ki Aankh
Saand ki Aankh

यह फिल्म इसी महीने 25 अक्टूबर को बड़े पर्दे पर रिलीज की जाएगी। तो देखना दिलचस्प होगा कि आखिर इन शूटर दादियों के रोकिंग अवतार में कितनी फिट बैठ पाएंगी भूमि पेडनेकर और तापसी पन्नू।