संसद में शीतकालीन सत्र की शुरुआत ही हुई, हंगामे से…

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Winter Session 2019

Winter Session 2019:- भारत के संसद में शीतकालीन सत्र (Winter Session) शुरू हो चूका है। इससे पहले रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक की एक बैठक बुलाई गई। उन्होंने इस बैठक में सभी को आश्वासन दिया कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। लेकिन, इस आश्वासन के बाद कुछ ऐसा हुआ जो नहीं होना था।

विपक्षी दल ने लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला की हिरासत के मुद्दे पर हो हल्ला करना शुरू कर दिया। विपक्षी दल ने मांग रखी कि उन्हें सदन में भाग लेने दिया जाए।

Winter Session 2019:- जानकारी के मुताबिक़, इस बैठक में विपक्ष ने कुछ मांग रखी है। इस सत्र के दौरान देश में आर्थिक मंदी, बेरोज़गारी और कृषि संकट जैसे मुद्दों पर चर्चा जरूर होनी चाहिए। यह बात भी सही ही है, देखा जाए तो देश में ये तीनों परेशानियां दीमक की तरह देश को खा रही हैं।

संसद में शीतकालीन सत्र के पहले दिन, पीडीपी राजयसभा सदस्य मेरे फ़ैयाज़ और नज़ीर अहमद लवाय ने जम्मू-कश्मीर से अनुछेद-370 के हटने के लिए संसद भवन के ही परिसर में विरोध-प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था।

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Winter Session 2019:- इन दोनों पीडीपी पार्टी के सांसदों ने अपने हाथों में ताखियाँ ले रखी थीं, विरोध था अनुच्छेद-370 कजे अधिकतर प्रावधानों के हटने का। तख्तियों में लिखे थे नारे, जिसमें घाटी में स्थिति को सामान्य बनाने के लिए मांग की गई और राज्य को केंद्रशासित प्रदेश बनाये जाने का विरोध किया।

यह तो सभी जानते हैं जब से केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधान हटाया है, उसके बाद से ही पीडीपी सांसद उनके विरोध में हैं।

‘फारूक अब्दुल्ला को वापस लाओ’

Winter Session 2019:- श्रीनगर में फारुक अब्दुल्ला को हिरासत में रखा गया है, जिसके बाद से कांग्रेस, द्रमुक और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने लोकसभा में सरकार पर धावा बोल दिया था। लोकसभा के अध्यक्ष से सरकार को फारूक अब्दुल्ला को तत्काल रिहाई देने का अनुरोध भी किया था। इसके बाद कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर लिया था।

जब से लोकसभा में यह विषय विरोध या हंगामें में बदला है, तब से शिवसेना के सदस्य महाराष्ट्र में किसानों के मुद्दे पर नारेबाजी शुरू होने लगी थी। कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के पास पहुंचे और उन्होंने यहाँ भी ‘फारूक अब्दुल्ला को वापस लाओ’ और ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ जैसे नारे लगाए।