अक्सर हम अपने कंप्यूटर या स्मार्ट फ़ोन को गेम्स खेलने, वीडियो देखने के साथ-साथ इस पर हार्ड वर्क भी करते है और महत्वपूर्ण डाटा स्टोर करते हैं. लेकिन अक्सर हमें इस डाटा के हैक होने का खतरा बना रहता है. आज हम आपको तीन आसान उपाय बताने जा रहे हैं जिसकी मदद से आप अपने पर्सनल डाटा से लेकर महत्वपूर्ण डाटा को लीक होने से बचा सकते हैं. तो चलिए जानते है.
जब भी हम अपने मोबाइल या लैपटॉप में नेट उसे करते है तो कई सारे युजर्स को यह बात शायद पता नहीं है कि यह डाटा पब्लीक हो सकता हैं. क्रोम अक्सर हमारी पेर्सोंल डाटा को सेव कर लेता है. इसीलिए हमें अपने पर्सनल डाटा को हमेसा प्राइवेट मोड में सेव करना चाहिए. प्राइवेट मोड में सेव करने से डाटा चोरी होने का दर ख़त्म हो जाता है.
नेटवर्क लॉक करना
डाटा चोरी की घटनाए आम हो गई है. डाटा चोरी की घटनाओं को असुरक्षित नेटवर्क की वजह से अंजाम दिया जाता है. असुरक्षित नेटवर्क की वजह से ही हैकर पर्सनल डाटा को निशाना बनाते है. हालाँकि इन दिनों मोबाइल कोमप्न्य पर्सनल डाटा को लेकर ज्यादा सक्रिय हुई है, जिसकी वजह से हैकर इसमें सेंध नहीं लगा पा रहे है. वहीँ अपने पर्सनल डाटा को सुरक्षित बनाने के लिए हमें नेटवर्क को लॉक कर के रखन चाहिए. जिसकी वजह से बिना इजाजत के डाटा का आदान-प्रदान नही होगा. जिस कारन डाटा में सेंध लगाना हैकर्स के लिए मुश्किल हो सकता है. इसके साथ ही वाई-फाई और डाटा नेटवर्क का पासवर्ड स्ट्रोंग रखन चाहिए.
इनक्रिप्शन का उपयोग करना
पर्सनल डाटा को बचाने के लिए महत्वपूर्ण डाटा को इनक्रिप्ट कर लें. यह तरीका डाटा को सबसे सेफ रखने के लिए कारगर होता है. इसमें कोई भी हैकर सेंड नही लगा सकता है. विभिन्न बिंदुओं पर इनक्रिप्शन का इस्तेमाल करके डाटा के स्थानांतरण और आदान-प्रदान के दौरान होने वाले डाटा लॉस से आपकी जानकारियों को अच्छी तरह सुरक्षित कर देती है. पीसी पर अच्छा एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर, एंटी-स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर, और एक फ़ायरवॉल इंस्टॉल करना चाहिए. इससे भी पर्सनल डाटा को खोने से बचा जा सकता है.
महत्वपूर्ण डाटा की पहचान
जिसकी हमें पता है आज की युवा ज्यादातर समय इन्टरनेट पर भी बिताते है. शायद इसी वजह से दुनिय्भर में इसका क्रेज बढ़ता जा रहा है. वहीं सबसे जरुरी फाइल को पहचान कर उससे सुरक्षित रखन चाहिए. जिसके हम अपने पर्सनल डाटा को चोरो की नज़र से बचा सकते है. जरुरी फाइल को पहचानने के लिए हमें डाटा संरक्षण सॉफ्टवेयर्स (DLP) का इस्तेमाल करना चाहिए.