इंटरनेशनल टाइगर डे – बाघों के लिए भारत है सबसे सुरक्षित स्थान

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बाघों

हर साल दुनिया में 29 जुलाई को इंटरनेशनल टाइगर डे मनाया जाता है। दुनिया में बाघों की सुरक्षा, उनके जीवन संरक्षण और उनके वन्य जीवन के लिए आवाज़ उठाई जाती है। नेशनल टाइगर कंज़र्वेशन अथॉरिटी ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है की भारत में पिछली बार 2014 में हुई गणना में बाघों की गिनती 2226 थी। नए आंकड़ों के हिसाब से अब ये अंक 2967 हो गए हैं। दुनिया में बाघों की गिनती करीब चार हज़ार हैं।

कब हुई थी इसकी शुरुआत – इंटरनेशनल टाइगर डे की स्थापना रूस के सेंट पीटरस्बर्ग में हुए एक कार्यक्रम में हुई थी। दुनिया के करीब २० देशों ने प्रण लिया की 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी की जाए।

हर साल इस दिन लोगों को बाघों के जीवन संरक्षण के बारे में जागरूक किया जाता है। यह तो सभी जानते हैं की बाघों की कमी होने का कारण जंगलों की कटाई और जल-वायु में परिवर्तन है। आधुनिक जीवन जीने के लिए लोग जंगलों को काट रहे हैं और गगनचुंबी इमारतें बनाई जा रही है। जल वायु में परिवर्तन का कारण है वायु प्रदुषण और जल प्रदुषण। अन्य समस्या है बाघों का शिकार। दुनिया भर में बाघों के अंगों का व्यापार चलता रहता है। बाघ की खाल को कपडे, फर्नीचर, चमड़े की बेल्ट आदि में इस्तेमाल किया जाता है, जिसके बदले में उपयोगकर्ता मोटी रकम चुकाते हैं। कई लोग तो खेलों या सजावट की चीज़ों के लिए इनका शिकार करते हैं।

अखिल भारतीय अनुमान रिपोर्ट 2018 में लिखा है कि…..

भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अखिल भारतीय अनुमान रिपोर्ट 2018 जारी की गयी है। जिसमें लिखा है की भारत बाघों के लिए विश्व में सबसे सुरक्षित स्थान प्राप्त करता है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा की नौ साल पहले रूस के सेंट पीटरस्बर्ग में यह संकल्प लिया गया था की 2022 तक दुनिया में बाघों की आबादी दोगुनी होनी चाहिए। लेकिन भारत ने इस लक्ष्य को 2019 में पूरा कर लिया।

इससे पहले साल 1973 में टाइगर प्रोजेक्ट की शुरुआत की गयी थी। इसका उद्देश्य भारत में बाघों के लिए उनकी सुरक्षा और उनके जीवन परिवर्तन में आयी दिक्कत को ख़तम करना था। इस प्रोजेक्ट के अंदर देश में 50 टाइगर रिज़र्व बनाये गए। इस प्रोजेक्ट को शुरू करने वाली तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने की थी।

बाघों को बचाने के लिए क्या करें,

  • लोगों को जागरूक करें, की दुनिया में बाघों की संख्या कम है। बाघों को बचाने के लिए सरकार के साथ इस मसले पर बात करें और उन्हें इस परेशानी से निपटने के लिए सुझाव दें।
  • जंगलों के पास रहने वाले लोगों की इस बारे में जागरूक करें। उन्हें समझाएं की बाघों के लिए जीवन संरक्षित और सुरक्षित करना हमारा काम है।
  • बाघों के शिकार पर रोक लगानी चाहिए। इसके लिए कड़े से कड़े कानून बनने चाहिए।
  • वन्य जीवन को सुरक्षित रखने के लिए पेड़ पौधे लगाने चाहिए, ताकि वो बेहतर सांस ले सकें।
  • यदि आप वनों या किसी जू में जाते हैं, तो वहाँ गंदगी न फैलाएं।