एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी ने गुरुवार को लोकसभा में माॅब लिंचिंग पर कानून ना बनने पर सवाल किया। उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद भी अभी तक माॅब लिंचिंग पर कानून न बनाए जाने के लिए सरकार पर निशाना साधा।
सांसद ओवैसी ने लोकसभा में कहा कि मैं ग्रहमंत्री से पुछना चाहता हुँ कि माॅब लिंचिंग पर कानून क्यों नहीं बनाया जा रहा है पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से माॅब लिंचिंग पर कानून बनाने को कहा था। अगर आप सुप्रीम कोर्ट के हर कानून बनाते हैं, तो इसे क्यों नहीं।
कर्नाटक में चल रहे राजनीतिक मसले में कांग्रेस और सहयोग कर रही पार्टीयों द्वारा लोकसभा में हंगामा किया। सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और टीएमसी के सदस्यों ने कर्नाटक के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा कर दिया।
इस बहस के दौरान कांग्रेस और टीएमसी के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के पास पहुंच गए।
असम में हुई 57 आत्महत्याओं की वजह है सूची में नाम नहीं होना
शशि थरुर ने भी एनआरसी के मुद्दे को उठाया और कहा कि असम में आत्महत्या करने वाले लोगों की संख्या 57 है जिसका कारण उनका नाम सूची में नहीं था। जिनमें से ज्यादातर लोग हिंदू हैं। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार के वकील सुधा भारद्वाज को जब हार्वर्ड लाॅ स्कूल सम्मानित कर रहा था तो सरकार उन्हें गिरफ्तार करने में व्यस्त थी।सरकार पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्ज न चुकाने वालों के लिए कुछ नहीं किया।
मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 संशोधन विधेयक पर भी लोकसभा में चर्चा शुरु हो गई है। सरकार का इस विधेयक पर कहना है कि वह राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोग को सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व वाला औऱ शक्तिशाली बनाएगी।
‘सदन में राज्य की मार्केटिंग मत करिए’
लोकसभा में टीएमसी नेता सुदीप बंदोपध्याय ने स्वास्थय मंत्री हर्षवर्धन की एक बात पर जवाब देते हुए पश्चिम बंगाल की एक योजना के बारे में बताया। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने उनसे कहा कि आप सदन में राज्य की मार्केटिंग मत करिए। जिस योजना के बारे में टीएमसी नेता ने बात की थी वह थी पश्चिम बंगाल द्वारा लागू योजना आयुषमान भारत, जिसको बाद में बंद कर दिया गया।