देवो के देव कहे जाने वाले महादेव का सावन से बहुत ही गहरा नाता है. कहा जाता है की यह महीना भगवान् शिव को अत्यनत प्रिय है. भगवान विष्णु के सो जाने के बाद सावन के महीने में रूद्र ही सृष्टि के संचालन का कार्य देखते हैं. ऐसे में भक्तों के पास भोलेनाथ को खुश करने के लिए बहुत कम दिन ही रह गए हैं. लेकिन हम में से बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि सावन के अंतिम सोमवारी को भगवान् भोले नाथ को कैसे खुश किया जाये. तो चलिए जानते है. आइए जानते हैं सावन सोमवार के व्रत के नियम और व्रत विधि…
इस बार के सावन महीने में कुल 4 सोमवार है. शिव भक्तों के लिए यह अच्छा महीना साबित हो सकता है. क्युकी उन्हें भगवा को खुश करने का अपार मौका मिलेगा.बता दे कि सोमवार का व्रत दिन के तीसरे प्रहर यानी शाम तक रखा जाता है. सुबह उठने के बाद सबसे पहले नाहा-धो कर भगवान् की भक्ति में लील होना चाहिए. हालांकि भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र बहुत ही प्रिय है. इसीलिए बेलपत्र से पूजा करना कभी न भूले. ऐसे माना जाता है कि सावन मास के सोमवार व्रत करने से पूरे वर्ष के सभी सोमवार व्रतों का फल मिल जाता है।
साबूदाने की खिचड़ी बटवाना:
हम में से कयी लोग सोमवारी के दिन उपवास रखते है. कहा जाता है की इस दिन शिवजी के भक्तों को इस दिन साबूदाने की खिचड़ी या कोई अन्य प्रसाद बंटवाने से काफी पुणे मिलता है. शिवजी के नाम का प्रसाद वितरण करवाना काफी लाभकारी होता हैं. कोई जरुरी नही है कि प्रसाद का सारा सामान खुद ही जुटाए,अगर समर्थ न है, तो इसमें आप पड़ोसी का भी मदद ले सकते है.
शिव मंदिर में सेवा:
कहा जाता है की इस दिन आप गरीबों की मदद करके भी पुणे का हकदार बन सकते है. इसके साथ आप किसी भी शिव मंदिर में जा कर सेवा करने का प्रयास करे. जैसे की आप मंदिर में जा कर उस मंदिर को साफ़ कर सकते है, अरेंजमेंट संभालना या पैसो की सहायता इत्यादि कर दे.ऐसा करने से भोलेनाथ की कृपा आप पर हमेशा बने रहेगा.
संकल्प लेना
लास्ट सोमवारी को भगवान् भोलेनाथ को साक्षी मानते हुए आप कोई भी संकल्प ले सकते है. वो संकल्प आपके परिवार से, आपकी समस्या, आदि से जुडी हो सकती है. किसी भी अच्छे काम को लेकर आप ये संकल्प ले और इसे पूरी लगन के साथ निभाए भी.