Aarey Colony – विकास का बहाना देकर कहीं छीन न लें हमारी सांसें

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Aarey Colony

मुंबई के Aarey Colony में पेड़ों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका पर सुनवाई हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फिलहाल कोई पेड़ न काटा नहीं जाएगा। आरे कॉलोनी के मामले में जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण सुनवाई कर रहे हैं। आरे कॉलोनी मामले में छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आरे कॉलोनी में लगे हज़ारों पेड़ों को बचाने के लिए गुहार लगाईं थी।

छात्रों ने सीजेआई को इस मामले में एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में लिखा गया है कि उन्हें अपने विशेषाधिकारों का इस्तेमाल करते हुए इस मामले की तुरंत करवाई करनी चाहिए। इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने भी पेड़ों के काटने पर रोक लगाई है।

छात्रों ने अपील की थी कि चार अक्टूबर से गैर क़ानूनी तरीके से पेड़ों को काटा जा रहा है। और शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों को भी हिरासत में लिया जा रहा है। गिरफ्तार हुए 29 लोगों को सशर्त जमानत मिल गयी थी। उन्हीं देर रात रिहा कर दिया गया था। जमानत में एक शर्त रखी गयी कि इन लोगों को प्रदर्शन में भाग नहीं लेना है। उसके साथ पुलिस द्वारा की जा रही नाकाबंदी अभी चल रही है, बहरहाल, धारा 144 को हटा दिया गया है।

Aarey Colony मामले में दायर की गयी याचिका पर अब सुनवाई की तारीख 21 अक्टूबर रखी है। असल में यह मामला था 2700 पेड़ों को काटने का। इस मामले में केंद्र सरकार यानी भारतीय जनता पार्टी विकास का सहारा देते हुए पेड़ों के काटने के पक्ष में खड़ी थी। और इसके लिए केंद्र सरकार ने यह भी कहा था कि वह इसके बदले में कई पेड़ लगाए जायेंगे। तो वहीं, महाराष्ट्र में कई सालों से चल रही शिवसेना सरकार इस फैसले की खिलाफ हो गयी थी। इसके बाद लोगों ने अपना हल्ला-बोल दिया। और हज़ारों लोग सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन के लिए उतर पड़े थे। प्रदर्शन में शिवसेना पार्टी की नेता प्रियंका चतुर्वेदी को भी हिरासत में लिए गया। और इस सारे हंगामे के बाद ही छात्रों ने एक संगठन बनाया और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रखी थी नींव

मायानगरी में स्थित Aarey Colony की नींव रखी थी देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने। बात है साल 1951 की जब पंडित नेहरू ने मुंबई में डेरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पंडित नेहरू ने इस आरे कॉलोनी की शुरुआत की थी। पंडित नेहरू के बाद लाखों लोगों ने पेड़ लगाने शुरू कर दिए और फिर कुछ सालों बाद यह इलाका खूबसूरत जंगल में तब्दील हो गया। माना जाए तो यह इलाका 3166 एकड़ में फैला है। जहाँ चारों तरफ फैली हरियाली ही है।