“अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलना सीखो।”, “जीवन में फेल होते हैं तो कभी हार न मानें क्योंकि फैलर मतलब फर्स्ट एटेम्पट इन लर्निंग।”, “जिस दिन हमारे सिग्नेचर ऑटोग्राफ में बदल जाएँ तो मान लीजिये आप कामयाब हो गए” और न जाने कितनी बातें कही हैं, मिसाइल मैन ने। एक बेहतरीन टीचर, राइटर, वैज्ञानिक और राष्ट्रपति – Dr. APJ Abdul Kalam
Dr. APJ Abdul Kalam – यह वह नाम है जिसे लोग भगवान की तरह पूजते थे। जिनके साधारण जीवन और उच्च विचार ने काफी लोगों क विचार को बदल दिया था। देश ही नहीं विदेश में भी उनकी उपलब्धियों के चर्चे होते थे। उनकी एक झलक पाने के लिए लाखों लोगों की भीड़ लग जाती थी। उनकी लिखी किताबों को पढ़ने से लोग खुद में बदलाव लाते थे।
डॉ. विक्रम साराभाई को अपना आइडियल मानते थे डॉ. कलाम
Dr. APJ Abdul Kalam देश के 11वे राष्ट्रपति थे। देश में परमाणु हथियार और मिसाइलें इनकी ही देन हैं। डॉ. कलाम को गणित और फिजिक्स में काफी रूचि थी। उनके बारे में कहा जाता है कि वह रोज़ सुबह चार बजे उठकर गणित की प्रैक्टिस किया करते थे। उनको कविताएं लिखना और वीणा बजाने का शौक था। महान वैज्ञानिक रहे डॉ. विक्रम साराभाई को वह अपना आइडियल मानते थे।
15 अक्टूबर यानी WORLD STUDENT’S DAY
Dr. APJ Abdul Kalam साल 2010 में विश्वभर में डॉ. कलाम के जन्मदिन को ‘वर्ल्ड स्टूडेंट’स डे’ के रूप में मनाने का फैसला लिया गया। 15 अक्टूबर 1931 को इन महान वैज्ञानिक का जन्म रामेश्वरम में हुआ था। उनकी शिक्षा के प्रति लगन इस बात की दाद देती है कि उन्होंने अपनी पढ़ाई को पूरा करने के लिए अख़बार तक बेचे थे। दृढ़इच्छा के साथ साल 1950 को उन्होंने मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी से स्नातक पूरी की। इसके बाद उन्होंने भारतीय रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संस्थान में प्रवेश लिया।
भारत को बैलिस्टिक मिसाइल और लॉन्चिंग टेक्नोलॉजी के लिए ऊँचाइयों तक पहुँचाने का हाथ सिर्फ और सिर्फ Dr. APJ Abdul Kalam को जाता है। इसीलिए उनको ‘मिसाइल मैन’ के नाम से नवाज़ा गया। साल 1982 में वह डीआरडीएल के डायरेक्टर के पद पर चुने गए। भारत में पृथ्वी, त्रिशूल, आकाश, नाग, ब्रह्मोस समेत कई मिसाइल देने वाले डॉ. कलाम ही थे। साल 2002 में उन्हें देश का राष्ट्रपति चुना गया।
बहुत कुछ सीखने को मिलता है डॉ. कलाम के जीवन से
Dr. APJ Abdul Kalam के जीवन से बहुत सी बातें सुनने को मिलती हैं। जैसे जीवन में होने वाली किसी भी परेशानियों या कठनाइयों से कभी घबराना चाहिए। कभी भी नकारात्मक विचारों को अपने ऊपर हावी न होने दें। उनके जीवन से यह प्रेरणा मिलती है कि सकारत्मक सोच आपको हर मुकाम तक पहुंचा सकती है। मानवता को धर्म जगह सबसे आगे रखने वाले डॉ. कलाम राजनितिक विवादों से दूर रहते थे।
कई बार सम्मानित हुए हैं डॉ. कलाम
Dr. APJ Abdul Kalam साल 1981 में पद्म भूषण सम्मान, साल 1990 में पद्म विभूषण और साल 1997 को उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया गया। साल 2015 में शिलांग में डॉ. कलाम एक लेक्चर के लिए गए थे। कहा जाता है कि उनके काफिले में सबसे आगे गाडी पर एक जवान हाथ में राइफल लिए चल रहा था। वह काफी लम्बे समय तक सुरक्षा के लिए खड़े होने के कारण जवान को एक सन्देश भेजा कि वह बैठ जाएँ। लेकिन उस जवान इस सन्देश को ठुकरा कर यह कहा कि यह उसकी ड्यूटी है डॉ. कलाम की सुरक्षा करना। इस बात से प्रभावित होने के बाद डॉ. कलाम ने उस जवान को धन्यवाद कहा था।
वह दिन जब सभी की आँखें नम हो गईं
उसी समय 27 जुलाई को आईआईएम, शिलांग में ‘Creating a liveable planet’ पर लेक्चर देना था। इसी दौरान वह लेक्चर देते हुए गिर पड़े। आननफानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। और सारा देश इस बात को सुनकर अपनी सुधबुध खो बैठे थे। उनके चाहने वाले लाखों नहीं करोड़ों की संख्या में थे। साल 2006 में उनका वह सपना पूरा हुआ जिसके लिए वह बरसों से इंतज़ार कर रहे थे। वह था फाइटर जेट में उड़ान भरने का था। उन्होंने अपने ही नहीं बल्कि देश के भी इस सपने को पूरा किया था।उनकी यह उड़ान करीबन चालीस मिनट की थी।
आज उनके जन्म तिथि के दिन देश उन्हें याद कर रहा है। हैप्पी बर्थडे ‘मिसाइल मैन’…
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