SC/ST Act – सुप्रीम कोर्ट ने अपना एक पुराना फैसला वापस ले लिया है। यह फैसला था SC/ST Act का। अब इस पर यह फैसला आया है कि इस एक्ट के तहत बिना किसी जांच के एफआईआर दर्ज की जा सकेगी। SC/ST Act के प्रावधानों को काम करने के लिए केंद्र सरकार ने पुर्नविचार याचिका दाखिल की थी। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना यह फैसला सुनाया। अब किसी भी सरकारी कर्मचारी व सामान्य नागरिक को गिरफ्तार करने से पहले कोई भी अनुमति लेने की जरुरत नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST Act पर अपने पहले फैसले में कहा था, शिकायत करने के बाद जांच करने पर ही FIR दर्ज करने के कोर्ट ने आदेश दिए थे। अब जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस बी आर गवई को पीठ ने यह फैसला लिया कि अब शिकायत के बाद जांच जरुरी नहीं हैं।
केंद्र सरकार ने 20 सितंबर को SC/ST Act के तहत पुर्नविचार याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने फैसले में इस एक्ट के दुरूपयोग पर चिंता जताई और यह निर्देश जारी किए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, SC/ST Act में शिकायत मिलने के बाद तुरंत मामला दर्ज नहीं होगा। इसके साथ इस कानून में एफआईआर के तुरंत बाद अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। और अब इसमें अग्रिम जमानत का भी प्रावधान है।
जम्मू-कश्मीर मामले से जुड़े सभी याचिकाओं पर अगली सुनवाई 14 नवंबर
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर मामले से जुड़े सभी याचिकाओं को 14 नवंबर को सुनवाई की तारीख रखी है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सुनवाई में यह बात सामने रखी। मंगलवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय माँगा है। यह समय सीमा चार हफ्ते की मांगी गयी है। इस बात पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें ऐसे गंभीर मामले में वक़्त देना पड़ेगा। इसके लिए इतने अहम् मुद्दे पर वक़्त क्यों न दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस सुभाष रेड्डी, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत इस सुनवाई की अगुवाई करेंगे। 1 अक्टूबर से सुप्रीम कोर्ट में दो संविधान पीठ दो जरुरी मामलों की सुनवाई करेंगे। इससे पहले, एक संविधान पीठ ने आयोध्या मामले की सुनवाई की है।