90’s Best 5 Serials: हर जेनरेशन के बच्चों को लिए उनकी जेनरेशन बेस्ट होती हैं। कई मायनों में उनका बचपन उनके लिए खास भी होता हैं। जैसा की हम 90’s किड जिनके पास कई ऐसे कारण हैं जिस वजह से हम अपने बचपन के दिनों को याद कर कह सकते हैं की हाँ हमारा बचपन बेहद अलग था। ऐसे में 90’s के दौर ककई पॉपुलर सीरियल रहे हैं, जिन्होंने सचमुच हमारे बचपन को स्पेशल बनाया।
तो चलिए आज उन्हीं सीरियल के बारे में बात करते हैं, जिनका हमारे बचपन को खास बनाने में काफी अहम रोल रहा हैं।
चित्रहार
कहते हैं, जब हमें कोई चीज़ असीमित मिले तो हमें उसकी उतनी कदर नहीं रह जाती। लेकिन अगर वो चीज़ सीमित तौर पर मिले तो उसकी अहमियत कुछ और ही होती हैं। जैसे की गाने आज हमारे पास गाने सुनाने ले कई साधन हैं लेकिन एक वक़्त था जब फिल्मी और लेटेस्ट गाने सुनने का एक मात्र सहारा ‘चित्रहार’ था, जो की फ्राइडे शाम आया करता था।
‘चित्रहार’ जिसे देखने के लिए हम अपना होमवर्क टाइम पर कम्पलीट कर लेते थे। मम्मी पापा की भी काम में मदद कर दिया करते थे ताकि जब चित्रहार आए तो कोई हमें परेशान ना करें। साथ ही शो चित्रहार को होस्ट करने वाली वो दीदी लगभग हम सभी की फेवरेट बन चुकी थी।
रंगोली
चित्रहार के बाद अगर कोई दूसरा शो था जो हमें अच्छे-अच्छे गाने सुनाता था तो वो था रविवार सुबह आने वाला शो रंगोली। यह वो शो था जिसकी वजह से हम सुबह सुबह जल्दी उठ जाते थे।
यूँ तो मम्मी इस बात को लेकर खूब सुनाती भी थी कि हम कहते तो ना उठते लेकिन अब देखो गाने सुनने की दीवानगी।
शक्तिमान
90 के दौर में हमें टीवी सीरियल शक्तिमान’ के जरिये हमारा पहला सुपरहीरो मिला एक ऐसा सुपरहीरो जो की ना सिर्फ बच्चों का बल्कि बड़ों का भी पसंदीदा सुपरहीरो बन चुका था।
बता दें, शक्तिमान फिलहाल ऑफ एयर हो चुका हैं लेकिन अभी भी इस सीरियल को देखने की डिमांड खत्म नहीं हुई हैं। यहाँ तक की कहा जाता है, की उन दिनों आने वाले इस सीरियल की टीआरपी इतनी ज्यादा थी, जो आजकल के टीवी सीरियल के लिए छू पाना बहुत मुश्किल है।
विक्रम और बेताल
90 के दशक में ‘विक्रम और बेताल’ बहुचर्चित सीरियल रहा। इस सीरियल में राजा विक्रमादित्य की कहानी दिखाई गई। सीरियल की कहानी विक्रम और बेताल की खट्टी मीठी दोस्ती पर आधारित होती हैं। एक अंधेरी रात जब राजा विक्रम अपनी तलवार लिए बेताल को पकड़ अपने वश में कर अपनी पीठ पर लाद कर ले जाने लगते हैं।
तब इन दोनों की कहानी शुरु होती सफर लंबा होने की वजह से बेताल राजा विक्रम को कई कहानी सुनाता है। लेकिन बेताल की एक शर्त होती है कि अगर कहानी सुनने के बाद विक्रम में उत्तर देने के लिए मुंह खोला तो मैं उड़ जाऊंगा साथ ही यह भी कहा की अगर उत्तर नहीं दिया तो तुम्हारे सिर के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे।
हम पांच
कॉमेडी हमेशा से हमारी कमजोरी रही हैं। तभी जब साल 1995 में कॉमेडी सीरियल ‘हम पांच’ टेलीविज़न पर आया तो यह सभी का फेवरेट बन गया। माथुर परिवार के सभी सदस्य से एक अलग सा ही लगाव हो गया। इस घर के हर सदस्य की बात ही निराली थी।
फिर चाहे वो माथुर परिवार की सबसे बड़ी बेटी मीनाक्षी माथुर का किरदार निभाती वंदना पाठक हो या माथुर परिवार की दूसरी बेटी राधिका का किरदार निभाती विद्या बालन हो।