Fight between Lawyers and Police:- राष्ट्र को सुरक्षा प्रदान करने वाली, पुलिस और न्याय या हक़ दिलवाने वाले, वकील इस समय एक-दूसरे के ही खिलाफ खड़े हैं। दिल्ली की तीस हज़ारी कोर्ट के कॉम्प्लेक्स में पिछले शनिवार को हुई लड़ाई अब बढ़ती जा रही है। इस लड़ाई की खबरें रुकने का नाम ही नहीं ले रही हैं।
इस लड़ाई की अभी तक की दो वीडियो वायरल हुई हैं। इन वीडियो में वकील-पुलिस की भिड़ंत इतनी जबरदस्त है कि, पूछिए मत। अभी तक आई इन दो वीडियो में वकील पुलिस वालों पर हाथ उठाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
पुलिस कर्मियों ने किया पुलिस मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन
इस वीडियो के वायरल होने और इस लड़ाई के भीषण रूप लेने के बाद, पुलिस कर्मियों ने पुलिस मुख्यालय के बाहर अपने गुस्से को शान्ति से विरोध-प्रदर्शन में बयान किया था। उन्होंने अपनी सुरक्षा की गुहार वरिष्ठ अधिकारियों के सामने लगाईं।
इस वक़्त एक और वीडियो वायरल हो रही है। इस वीडियो में डीसीपी नार्थ मोनिका भरद्वाज ने हाथ जोड़े हुए हैं। इस वीडियो में डीसीपी वकीलों को शांत करने की अपील कर रही हैं। वह इसी कोशिश में हैं, कि किसी तरह वकील अपने गुस्से को शांत कर लें। तभी, कई सारे वकील उनपर टूट पड़े। इसके बाद, वकीलों ने डीसीपी के साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। उस समय बहुत सारे वकील, डीसीपी नार्थ मोनिका भारद्वाज और उनके साथ खड़े सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की करते नज़र आ रहे हैं। यह वीडियो 7 नवंबर को सामने आया है।
हमारे देश के वकील किसी न किसी महिला को उसका हक़ दिलाते हैं। उनके लिए इन्साफ की देवी और गीता किसी देवी से कम नहीं होती। लेकिन, इस वीडियो को देख कर यही लगता है, कि यहाँ वह यह सब भूल चुके हैं। इन लोगों की इंसानियत किसी कोने में बैठी हुई सारा तमाशा देख रही है। किसी की इज़्ज़त, मान-सम्मान और मर्यादा सब कुछ कहीं खो चुकी है।
इस मामले के बाद, डीसीपी ने आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया, वकीलों और पुलिस वालों के बिच हुई हिंसा के दौरान उनके साथ मारपीट की गई। इस हिंसा में हुई धक्कामुक्की के दौरान उनकी रिवाल्वर भी गायब है। उनकी आधिकारिक तौर पर मिली हुई रिवाल्वर लापता है।
पुलिस प्रवक्ता ने कहा –
इस हिंसा के बारे में बताने वाले पुलिस प्रवक्ता अनिल मित्तल ने कहा, महिला डीसीपी के साथ हुई बदतमीज़ी को हिंसा के दौरान लिखी गई एफआईआर के साथ जोड़ा जा चूका है। इसके साथ महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा का कहना है, ‘मैं इसकी निंदा करती हूँ। इस मामले में वह खुद ध्यान से काम कर रही हैं। इस मालमे में वह बार कॉउन्सिल के साथ-साथ दिल्ली पुलिस कमिश्नर से भी मुलाक़ात करुँगी।’
मामला शुरू हुआ था, बीते शनिवार को। दिल्ली के तीस हज़ारी कोर्ट परिसर में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच पार्किंग को लेकर विवाद हुआ। कुछ ही घंटों में, इस विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया। इस हिंसा में करीब 21 पुलिसकर्मी और कुछ वकील बुरी तरह घायल हो गए। जिसके बाद से, इस लड़ाई की वीडियो सामने आ रही हैं।
अब इस मामले को दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आड़े ले लिया है। हाई कोर्ट ने इस हिंसा के लिए न्यायिक जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। वैसे, इस घटना से जुडी हुई सिर्फ तीन वीडियो ही सामने आयी हैं। लेकिन, बहुत सी वीडियो इस मामले की हैं। वकील और पुलिस अपनी-अपनी तरफ से बयान। कोई कुछ कह रहा है और कोई कुछ। सबसे बड़ी बात तो यह है, वर्दी में अपनी ड्यूटी संभाल रही महिला आईपीएस के साथ बदतमीज़ी की गई है। महिला आईपीएस के साथ हुई यह घटना कोर्ट परिसर में हुई है।
पुलिस कर्मियों का कहना है, मीडिया उनके साथ नहीं है। उनकी मदद के लिए कोई भी नहीं खड़ा है। उनकी सुनने या समझने वाला कोई नहीं है। वहीं, वकील यह कहते हैं कि पुलिस उनके साथ गलत बर्ताव करती है।