देश को तुम पर बहुत गर्व है, अब यह लड़की कर रही है जलवायु परिवर्तन के लिए काम

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Mask for the clean breathe

Mask for the clean breathe:- गुरूवार को ‘Childrens Day’ था। हर बार की तरह, लोगों ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को याद किया। बच्चों के प्यारे चाचा नेहरू। पंडित नेहरू, बच्चों को देश का भविष्य बताते थे। वह मानते थे, कि यह आज के बच्चे कल का उज्जवल भविष्य बनेंगे।

देश में हर दिन नई समस्या जन्म लेती हैं, ख़बरों के सहारे लोगों तक पहुँचती हैं, उसपर चर्चा होती है, फिर अंत में थोड़ा हो-हल्ला होकर, जैसे तैसे समस्या का हल निकलता है। इस समय देश की हवा-पानी संकट में है।

Mask for the clean breathe:- आपने, Greta Thunberg का नाम तो सुना होगा। वही लड़की, जिसने विश्व के प्रचलित लोगों से एक प्रश्न किया था- How dare you? यह प्रश्न था विश्व में बढ़ रहे जलवायु परिवर्तन के लिए। ग्रेटा सिर्फ 16 साल की हैं और उन्हें पूरा विश्व जान रहा है। उनकी उम्र के बच्चे अपनी किताबों और खेल-खिलौनों से दूर नहीं होते, और यह अकेली चल पड़ी है दुनिया को बचाने।

ग्रेटा, के बाद लड़की है, जिसने जलवायु परिवर्तन जैसी बिमारी का इलाज ढूंढने की कसम खा ली है। नाम है,
Licypriya Kangujam

Mask for the clean breathe:- महज़, आठ साल की इस मणिपुरी गर्ल, ने जून में देश के संसद भवन के बाहर खड़े हो कर, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से क्लाइमेट चेंज के लिए सख्त कानून बनाने की गुहार लगाईं। उसने यह मांग रखी है, कि वायरस की तरह फैसल रहे इस गंभीर मुद्दे पर कानून बनाया जाए।

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इस छोटी-सी बच्ची ने इस मुद्दे पर बात ही नहीं, बल्कि इसके उसने रैलियां भी निकाली हैं। काफी अवेयरनेस प्रोग्राम हुए। Licypriya ने IIT Jammu के Academicians की मदद से Survival Kit For The Future (SUKIFU) को डिज़ाइन किया।

इस किट में एक ग्लास बॉक्स लगा हुआ है जिसके अंदर एक पौधा है। यह एक मास्क से जुड़ा हुआ। इस किट की मदद से कोई भी व्यक्ति ताज़ी हवा ले सकता है।

इंटरनेशनल लेवल पर Licypriya ने कई मिनिस्टर्स के सामने क्लाइमेट चेंज और नेचुरल डिजास्टर को रोकने की बात की है। इसके साथ UN में Licypriya, भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे छोटी भारतीय हैं।

उनके इस काम को इतनी प्रोत्साहन मिली है, कि उसे Dr APJ Abdul Kalam Children Award 2019, India Peace Prize 2019 और World Children Peace Prize 2019 अवार्ड मिले हैं।

Mask for the clean breathe:- इस छोटी सी बच्ची का सपना है, स्पेस साइंटिस्ट बनना। इसके साथ वह धरती से दूर रहने के लिए एक साफ़ और स्वच्छ जगह बनाना चाहती है। वह कहती है, हमारी धरती मर रही है। लोग सुन नहीं रहे और जो मन वो कर रहे हैं। भविष्य में मैं स्पेस साइंटिस्ट बनकर रॉकेट लॉन्च करना चाहती हूं और चांद पर पानी पहुंचाने और पेड़ लगाने के तरीके ढूंढना चाहती हूं।

इस नन्ही सी लड़की ने, दो साल पहले यानी जब वह 6 साल की थी, Disaster Management पर UN की कॉन्फ़्रेंस में भाग लिया था। वह कहती हैं, Man-Made Disasters के शिकार लोगों की हेल्प करना ही उनके लिए सबसे बड़ी प्रेरणा है। फिर, 7 साल की उम्र में उन्होंने एक ‘द चाइल्ड मूवमेंट’ की शुरुआत की। फिर, 8 साल की उम्र में वह, विश्व के 18 देशों की सेर कर चुकी हैं लेकिन इन सब चीज़ों की वजह से उन्हें शिक्षा से दूर रहना पड़ा।

Licypriya ने देशभर के बच्चों को साईकिल का उपयोग करने, पेड़ न काटने और पेड़ से बनी चीज़ों का इस्तेमाल न करने की हिदायत दी है। वाह Licypriya, देश को तुम पर नाज़ है।