Zomato फूड डिलिवरी ऐप काफी बार चर्चा में रही है। इन दिनों जोमैटो के खिलाफ #Logout कैंपेन चल रहा है जिसका असर देखने को मिल रहा है। इस कैंपेन के तहत अब कर्नाटक के बेंगलुरू में हजारों डिलिवरी पाटनर्स जोमैटो का विरोध करने के लिए उतर आए हैं।
इस कैंपेन की शुरुआत रेस्टोरेंट एसोसिएशन NRAI ने की, और इसका सपोर्ट होटल एसोसिएशन FHRAI कर रहा है। यह मामला तब सामने आया जब एक पत्रकार ने ट्वीटर की मदद ले कर इस मुद्दे को दुनिया के सामने दिखाया। इस ट्वीट के जरिये यह दिखाया गया कि किस तरह हज़ारों डिलीवरी पार्टनर्स Zomato के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इस समय ट्वीटर पर एक थ्रेड ट्रेंड बन गया है। इस थ्रेड से यह पता चल रहा है कि जोमैटो ऐप से करीब 300 डिलिवरी पार्टनर्स ने लॉग-आउट कर दिया है।
अब यह मामला सिर्फ बेंगलुरू में ही नहीं, बल्कि मुंबई में भी सामने आया है। जहां करीब दो-तीन हज़ार डिलिवरी ब्वॉयज ने Zomato कंपनी का साथ छोड़ दिया। इससे पहले प्राइसिंग को लेकर रेस्टोरेंट पार्टनर्स ने भी जोमैटो पर सवाल खड़े कर दिए थे। ऐसे में Zomato के लिए यह कई दिक्कत पैदा कर सकता है। अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इंसेंटिव्स, रोजाना की कमाई और दूसरी सुविधाएं भी एक कारण है जिसकी वजह से ये प्रदर्शन और बढ़ा है। इस रिपोर्ट में Zomato ने कहा कि बेसिक पे, यूजर्स की संतुष्टि, डिलिवरी टचप्वाइंट्स, न्यूनतम गारंटी जैसे पैरामीटर्स के आधार पर ही कंपनी डिलिवरी पार्टर्नस की मदद करती है।
औसतन डिलिवरी टाइम (30 मिनट से भी कम) और सिस्टम के काम की वजह से ही एक ही समय में अधिक से अधिक डिलिवरी संभव हो पाती है। NRAI की अगुवाई में चल रहे #Logout कैंपेन में, देशभर के करीब 1,200 रेस्टोरेंट ने जोमैटो ऐप से लॉगआउट कर लिया है। उनका कहना है कि Zomato कंपनी की तरफ से ग्राहकों को दी जाने वाली भारी डिस्काउंट से उनके बिजनेस पर असर पड़ रहा है। इस मामले पर बात करते हुए NRAI के नवनियुक्त अध्यक्ष अनुराग कटरियार ने कहा है कि एसोसिएशन ने डाइनआउट, नियरबाई और मैजिकपिन के साथ सफलतापूर्वक बात पूरी की है। फिलहाल, यह कंपनियां अब अपना बिजनेस फिर से शुरू कर चुकी हैं और #Logout कैंपेन से बाहर आ चुकी हैं।
Zomato ने बड़ा फैसला लेते हुए अपने 541 कर्मचारियों को बाहर कर दिया था। इसमें ग्राहक, व्यापारी और डिलेवरी सपोर्ट टीमें शामिल हैं। कंपनी के इस फैसले का असर जोमैटो में काम करने वाले 10% कर्मचारियों पर पड़ा है। इन सबके लिए कंपनी ने यही जवाब दिया था कि तकनीकी बदलाव किए गए हैं।