देशभर में प्याज की जमाखोरी को रोकने के लिए सरकार ने उठाए ये कदम, पढ़े !

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प्याज की जमाखोरी

जैसा की हम सब जानते है देश में इस समय प्याज को लेकर मारा-मारी है। हर राज्य में प्याज की किल्लत के बाद दाम तेजी से बढ़ा है। तो वहीं इस किल्लत को देखते हुए सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है। लेकिन इसके बाबजूद प्याज की किल्लत दूर नहीं हो रही है। हालांकि सरकार की तरफ से दलील दी जा रही है कि कुछ जमाखोरों की वजह से यह हालत हुई है। लेकिन सरकार इस तरह की दलीलें दे कर कबतक आपने आप को बचा सकती है। हाल ही में केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने कहा था कि केंद्र के पास पर्याप्त मात्रा में प्याज का स्टॉक है और वह इसे विभिन्न राज्यों में आपूर्ति करने जा रही है, जिससे कीमतें घटेंगी।

प्याज की भारी किल्लत..

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देश भर में प्याज की किल्लत होने के कारण रोज इसके दाम में इजाफा हो रहा है। बीते 1 हफ्ते के भीतर इसके रेट में 40-50 फीसदी की वृद्धि हुई है। अगर हम दिल्ली के आजादपुर थोक मार्किट की बात करे तो 30-46 रुपये प्रति किलो प्थायाज मिला रहा है। तो वहीं महाराष्ट्र के नासिक में इस प्याज की कीमत करीब 70-80 रुपए के बीच बताई जा रही है।

हर घर की जरूरत बना प्याज

फिर से रुलाने की तैयारी में प्याज, लगातार बढ़ रहा है दाम

प्याज एक एसी चीज़ है जिसके बिना हमारी थाली अधूरी लगती है। प्याज के बिना सब्जी में कोई स्वाद नहीं आता है। शायद इसी वजह से दिन प्रति दिन प्याज की जमाखोरी बढ़ रही है। जो प्याज आमतौर पर 15-20 रूपए प्रति किल्लो मिल जाती थी, वही प्याज अब 70-80 रूपए किलो खरीदने को मजबूर है। इसका साफ़ मतलब है की सरकार जान्भुज कर जमाखोरी पर लागम नहीं लगा पा रही है। इसके साथ ही प्याज को लेकर सियासत भी जल्द ही तेज हो जाती है। फिलहाल इससे राहत मिलेगी या नहीं यह तो देखना दिलचस्प होगा।

उद्यान विभाग देगा 40 रुपये किलो प्याज

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बढ़ रही प्याज के दामों को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के लागू होने के बाद प्याज के थोक और खुदरा व्यापारियों के लिए स्टॉक की सीमा तय कर दी गयी है। खुदरा व्यापारियों के लिए प्याज भंडारण की सीमा 100 क्विंटल तक तय की गई है, जबकि थोक व्यापारी 500 क्विंटल तक प्याज का स्टॉक रख सकेंगे। इसके बाबजूद अगर कोई तय सीमा के बाद तक प्याज को निर्यात नहीं करता है तो उस जमाखोरी के खिलाफ सरकार कड़ी एक्शन ले सकती है। अब देखना दिलचस्प होगा की आखिकार उन जमाखोरियो पर सरकार कितना लगाम लगा सकती है