IIT Madras के दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे। इस समारोह में छात्रों को सम्बोधन करते समय पीएम मोदी ने कहा कि मैं आपसे एक अपील करता हूँ, आप कहाँ काम करते हैं, कहाँ रहते हैं, इसको कोई मतलब नहीं है लेकिन आप जहाँ भी रहें वहाँ अपनी मातृभूमि का ध्यान जरूर रखें। पीएम मोदी ने कहा कि मैं अभी अमेरिका से लौटा हूँ। उन्होंने कहा की वह इस यात्रा में बहुत से राश्ट्रध्वजों, नवप्रवर्तकों और निवेशकों में मिले।
इस मुलाक़ात में उनकी एक ही बात पर चर्चा हुई और इस चर्चा का विषय था – भारत के बारे में द्रष्टिकोण और भारत के युवाओं की क्षमताओं पर विश्वास। उन्होंने तमिलनाडु के बारे में कहा कि यहाँ पहाड़ चलते हैं और नदियाँ स्थिर रहती हैं। ” हम तमिलनाडु में हैं, जिसे एक विशेष गौरव प्राप्त है, इसके साथ यह दुनिया की सबसे पुरानी भाषा का घर है और यह भारत में सबसे नयी भाषा में से एक है – आईआईटी-मद्रास लिंगो।
IIT Madras के दिक्षांत समारोह में कहा कि हाल ही में संपन्न हुई अमेरिकी यात्रा के दौरान यह देखा कि विश्व की भारत से काफी उमीदें हैं। इसके साथ हम निश्चित तौर पर भारत की तेज़ी से कल्याण सुनिश्चित करेंगे। हम भारत को इतना महान देश बनाएंगे कि यह दुनिया के लिए उपयोगी साबित होगा। देश वापसी के समय हवाईअड्डे पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में पार्टी के कार्यकर्ताओं को सम्बोधिया किया और कहा कि देश को महान बनाना केवल केंद्र सरकार का काम नहीं है, यह 130 करोड़ नागरिकों की भी जिम्मेदारी बन चूका है।
IITs ने MTech कोर्स की बढ़ाई फीस, आईआईटी दिल्ली के निदेशक ने छात्रों के लिए बताया “सर्जिकल स्ट्राइक”
देश में 23 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी IITs हैं। सभी संस्थानों में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एमटेक) कोर्स की फीस अब दो लाख रुपए सालाना तक बढ़ा दी गयी है। पहले इस कोर्स की फीस दस से बीस हज़ार रुपए तक थी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री (एचआरडी) रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में हुई आईआईटी कॉउन्सिल की बैठक में फीस बढ़ोतरी का फैसला लिया गया। इस फैसले का समर्थन सभी आईआईटी संस्थानों ने किया। बहरहाल, छात्रों का इस बात पर विरोध जारी है।
इस खबर पर IIT दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल राव का कहना है कि ‘अपने कर्ज चुकाने और विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए आईआईटीज़ को पैसों की जरुरत है। फीस में बढ़ोतरी करना सही निर्णय है। यह उन छात्रों के लिए “सर्जिकल स्ट्राइक” की तरह है जिनकी इस पढ़ाई में कुछ खास रूचि नहीं होती और बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं।