बुधवार रात को जम्मू-कश्मीर और लदाख, दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बन चुके हैं। देर रात को एक अनुछेद के तहत अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले यह प्रदेश अब देश के दो नए केंद्र शासित प्रदेश हैं। इसी साल 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया था कि इन दोनों देशों को मिली स्पेशल अनुछेद-370 हटाए जाएंगे।
करीबन 86 दिनों तक इन दोनों नए केंद्रशासित प्रदेशों में एक अलग सी खामोशी थी। जगह-जगह सेना के जवान बंदूकें ताने खड़े थे। काई नेताओं को घर से बाहर निकालने की आज़ादी नहीं थी। टेलीफोन और मोबाइल का इंटरनेट कनेक्शन ठप पड़ा था। सोशल मीडिया पर हर कोई इस मुद्दे पर बात करने लगा था। कुछ दिनों के लिए स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए। बाज़ार भी खोले जाते तो कुछ ही घंटों के लिए। लोग अपने अपने घरों में चुप बैठे थे। कोई कहता था की वहां सब ठीक है तो कोई कुछ कहता। बहरहाल, देर रात को देश के गृह मंत्रालय की तरफ से एक अधिसूचना जारी की गई। इस अधिसूचना में मंत्रालय के जम्मू-कश्मीर संभाग ने राज्य में केंद्रीय कानूनों को लागू करने के साथ-साथ अन्य कई अन्य कदम उठाने की बात भी लिखी है।
जम्मू-कश्मीर और लदाख केंद्रशासित प्रदेशों की अगुवाई के लिए गिरीश चंद्र मुर्मू और आर के माथुर को उप-राज्यपाल बनाया गया। गुरूवार को वह अपना पदभार संभालेंगे। ऐसा पहली बार होगा, किसी राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेश बना दिया जाए। इसके लिए श्रीनगर और लेह में दो शपथग्रहण समारोह आयोजित किए जाएंगे। सबसे पहले लेह में यह आयोजन किया जाएगा, जिसमें आर के माथुर अपने पद की शपथ लेंगे। श्रीनगर में होने वाले समारोह में गिरीश चंद्र मुर्मू अपने पद की शपथ लेंगे।
दोनों नए उप-राजयपालों को जम्मू-कश्मीर के उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल शपथ दिलाएंगी। अब देश में राज्यों की संख्या 28 रह गयी है। केंद्रशासित देशों में दो नए नाम जुड़ चुके हैं। अब केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या 9 हो चुकी है। जम्मू-कश्मीर के संविधान और रणबीर दंड संहिता गुरूवार को खत्म हो जाएगी।
‘ राष्ट्रीय एकता दिवस’, से जानी जाएगी सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती
इसके साथ अब, राष्ट्र के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाई जायेगी। भारत संघ में 560 से अधिक राज्यों का विलय करने वाले व्यक्ति, देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ही थे।
गुजरात में स्थित है, स्टेचू ऑफ यूनिटी जो कि देश के द्वारा सरदार वल्लभभाई पटेल को एक श्रद्धांजलि दी गयी है। आज पीएम मोदी ने गुजरात पहुँच कर सरदार वल्लभभाई पटेल को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। उन्होंने यहाँ कहा, ‘इस जगह आने के बाद उन्हें यह लगता है कि जैसे उनकी प्रतिमा का भी एक व्यक्तित्व, सामर्थ्य और संदेश है।’ देश में सरदार वल्लभाई पटेल को ‘लौह पुरुष’ के नाम से जाना जाता है।
ऐसा इसलिए, क्योंकि उन्होंने कूटनीति से बिखरे हुए आज़ाद देश की अलग-अलग रियासतों को एक किया था। गुजरात के खेड़ा जिले में 31 अक्टूबर 1875 को जन्में, सरदार वालाभाई पटेल की इस विशाल मूर्ति को विश्व भर में जाना जाता है। इस योजना और उनकी जयंती पर कुछ ख़ास करने के लिए, साल 2014 को बीजेपी और एनडीए दल ने ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला लिया था।