Indian Scientist Names- इंडिया में एक से बढ़कर एक साइंटिस्ट आए, जिन्होंने देश को कई इनोवेटिव चीज़ें दी हैं। हमारे देश के बहुत से वैज्ञानिकों की वजह से हम लोग विज्ञान में बेहद सक्षम बन चुके हैं। भले ही वह छोटी से छोटी तकनीक हो या पहाड़ जैसी कोई चीज़, भारत को ऐसे-ऐसे साइंटिस्ट मिले हैं, जिनके किये गए कामों को आज हम-लोग अपना रहे हैं।
आज अगर देश के किसी बच्चे से किसी साइंटिस्ट का नाम पूछें तो वह सिर्फ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का नाम ही याद रहता है। इसकी वजह यह भी है कि आज की जनरेशन को नहीं मालुम कि देश में और भी कई साइंटिस्ट रहे हैं। तथा, इन लोगों ने क्या-क्या आविष्कार किए हैं?
श्रीनिवासा रामानुजन
मैथमेटिक्स के देवता, रामानुजन ने भारत में मैथ्स के सब्जेक्ट को आसान बनाया है। मैथ्स के एनालिसिस, नंबर थ्योरी, इन्फिनिटी सीरीज और कंटीन्यूएड फ्रैक्शंस पर भी उन्होंने काम किया है। बहुत कम ही उम्र में उन्होंने मैथ्स की टिपिकल थियोरीज़ को पूरा कर लिया था।
जगदीश चंद्र बोस
देश में रेडियो को लाने वाले, जगदीश चंद्र बोस। साल 1895 में, रेडियो की तरंगों के संचार का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन, उन्होंने ही किया था। उन्होंने एक क्रेस्कोग्राफ का भी इन्वेंशन किया था जो कि पौधों में होने वाली हलचल को पहचानता है।
विक्रम साराभाई
विक्रम साराभाई का नाम बहुत से लोग नहीं जानते, उन्हें इण्डिया स्पेस प्रोग्राम के फादर कहा जाता है। इसरो की स्थापना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने रुसी स्पूतनिक के प्रक्षपेण के एक बड़े राष्ट्र के लिए अंतरिक्ष में होने वाले कार्यक्रम के महत्त्व के बारे में भारत सरकार को बताया और उनसे सफलतापूर्वक आश्वस्त किया था।
नरिंदर सिंह कपनी
ऑप्टिक फाइबर का आविष्कार, नरिंदर सिंह कपनी ने किया है। उनका यह आविष्कार उनके पहले कामों का ही परिणाम है। उनकी वजह से ही हमें सूंदर ऑप्टिक-लाइट लैंप्स मिले हैं।
प्रफुल्ला चंद्र रे
देश को पहली दवा कंपनी, बंगाल में रसायन और फार्मास्यूटिकल्स देने वाले प्रफुल्ला चंद्र रे ही हैं।
जी एन रामचंद्रन
फिजिक्स और बायोलॉजी में बेहद योगदान करने के बाद, रामचंद्रन ने क्रिस्टलोग्राफी के साथ-साथ प्रोटीन के 3-डी स्ट्रक्चर को बहुत बढ़िया तरीके से समझाने का तरीका खोजा है।
गोपालस्वामी दोराईस्वामी नायडू
गोपालस्वामी की वजह से ही, साल 1937 देश को पहला इलेक्ट्रिक मोटर वर्क करना सिखाया था। उन्होंने सुपर थिन शेविंग ब्लेड्स, डिस्टेंस एडजस्टर फॉर फिल्म कैमरा, फ्रूट जूस एडजस्टर, टेम्पर-प्रूफ वोट-रिकॉर्डिंग मशीन भी बनाया है।
डॉ. राज रेड्डी
क्या आपने आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का नाम सुना है, हाँ तो यह वही व्यक्ति हैं जो इसके इन्सेप्शन का काम करते थे। वह पद्मा भूषण पा चुके हैं। फिलहाल, वह स्टैनफोर्ड एंड कर्नेगे मेलों में पढ़ा रहे थे।
हर गोविन्द खोरना
साल 1968 में नॉबेल प्राइज जीतने वाले, हर गोविन्द खुराना। वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने डीएनए को भागों में बांटा और न्यूक्लियोटाइड की श्रृंखलाएं की थी।
विस्वेस्वर्या
उन्होंने ही स्वचालित स्लुइस गेट्स और ब्लक सिंचाई प्रणाली का आविष्कार किया था, इसे इंजीनियरिंग का चमत्कार माना जाता है। हर साल, 15 सितम्बर को उनके जन्मदिन पर, इंजीनियर डे मनाया जाता है।
क्या है SURROGACY? भारत में क्यों हो रही है इसकी इतनी चर्चा ?