Chandrayaan-2 Lander Vikram found- चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ का पता लग चूका है। नासा ने चंद्रमा पर इसरो द्वारा भेजा गया, चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा मिलने का दावा किया है। नासा ने इसकी एक तस्वीर भी साझा की है।
इसी साल, सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करते दौरान, लैंडर विक्रम का इसरो से संपर्क टूट गया था। इसरो ने बहुत दिनों तक इसकी नाकाम कोशिश की, लेकिन कोई सफलता हासिल नहीं हो पायी।
अब, नासा ने अपने ‘लूनर रिकॉनसन्स ऑर्बिटर’ (एलआरओ) द्वारा तस्वीर ली है। इस तस्वीर में अंतरिक्ष यान से प्रभावित स्थल को और उस जगह को दिखाया है जहाँ लैंडर विक्रम का मलबा हो सकता है। बताया जा रहा है कि विक्रम लैंडर के हिस्से कई किलोमीटर तक लगभग दो दर्जनों स्थानों पर बिखरे पड़े हैं।
NASA ने साझा की लैंडिंग साइट की कुछ तस्वीरें, काफी तेज़ स्पीड में उतरा था ‘विक्रम’
नासा ने दो फोटो शेयर की हैं। एक फोटो, उसके क्रैश होने से पहले की है। और, दूसरी तस्वीर हार्ड लैंडिंग के बाद की है। इन दोनों तस्वीरों को देख कर बताया गया है कि लैंडिंग के बाद उस जगह की सतह में कैसे बदलाव आया है।
नासा ने इसमें एक बयान दिया। नासा ने कहा, उसके उस जगह की एक तस्वीर 26 सितंबर को साझा की थी। तब कुछ लोगों ने इस तस्वीर में लैंडर विक्रम के मलबे को पहचानने की अपील की थी।
इसी साल, 22 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश भवन स्पेस सेंटर से इस मिशन को पंख दिए गए थे। लैंडर विक्रम भी इसी का हिस्सा था। 2 सितंबर को विक्रम लैंडर को चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से अलग हुआ था। इस लैंडर विक्रम ने 23 दिनों तक पृथ्वी की कक्षा का चक्कर लगाए थे। फिर, 14 अगस्त को यह चाँद के अपने सफर पर रवाना हुआ था। 7 सितंबर को लैंडर विक्रम को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना था। इसकी सॉफ्ट लैंडिंग होनी थी। लेकिन, सतह पर उतरने से पहले ही विक्रम लैंडर से इसरो का संपर्क टूट गया। जिस जगह यह संपर्क टूटा वो चाँद की सतह से 2.1 किलोमीटर की दूरी पर ही था।
इससे पहले भी, नासा ने एक तस्वीर शेयर की थी जिसमें धुँधला-धुँधला सा था। इसकी वजह से मलबे को सही से लोकेट नहीं किया था। लेकिन, अब की तस्वीरों में यह पता चल रहा है कि इससे पहले चंद्रमा की वह सतह कैसी थी और अब वो सतह कैसी है।