चल दिए भोले के भक्त भगवान को मनाने, 17 जुलाई से सावन का महीना शुरु

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सावन

जब भीषण गर्मी से राहत दिलाने वाले दिन आजायें। जब धरती आग उबालना बंद करदे। जब बारिश देख बच्चे झूमने लगें। जब हर और हरियाली हो। जब भोलेनाथ के नाम की जयकार होने लगे। जब शिवभक्त कांवड़ हाथ में लिए शिव नगरी हरिद्वार की तरफ जाने लगें। तो समझ जाइए की सावन आने वाला है। सुत्रों की मानें तो इस बार तिथियाँ घाट बढ़ भी रही हैं। लेकिन फिर भी यह पुरे ३० दिन का रहेगा।

सावन का महीना शुरु हो गया है। अब इन्तेजार है तो मानसून का। दिल्ली में जहाँ बदल हलके बरस रहे हैं वहीं देश के कई राज्यों में ये जान को आफत बन रहे हैं। सावन के महीने में सोमवार को रखने वाले व्रत के बारे में लोग जानकारी लेना शुरू कर देते हैं। भगवान् शिव की महिमा को जानने वाले इन व्रत को रखकर प्रभु को मनाने में जूट जाते हैं। इस साल सावन का महीना १७ जुलाई से शुरू हो रहा है। सावन के इसी महीने में शिवजी का बड़ा पर्व शिवरात्रि भी मनाया जाता है। सावन में पड़ने वाले चार सोमवार में रखे जाने वाले व्रत से भगवान् शिव प्रसन्न होते हैं।

सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को पड़ेगा। अंतिम सोमवार 15 अगस्त को होगा। सोमवार के दिन भगवान् शिव का रुद्राभिषेक किया जाता है जिससे भगवान् प्रसन्न होते हैं। सावन के आखिरी दिन रक्षा बंधन और स्वतंत्रता दिवस भी मनाया जाएगा।

इस बार सावन में कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इस बार सावन के पहले सोमवार को श्रावण कृष्ण पंचमी है। दूसरे सोमवार को त्रोदशी प्रदोष व्रत। तीसरे सोमवार को भाग्यशाली कहलाये जाने वाली नागपंचमी। और चौथे सोमवार को त्रोदशी का दिन है।

सावन के व्रत रखने से बहुत सी मान्यताएं जुडी हुई हैं। जैसे सावन के सोमवार के व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है। इस व्रत को ख़ासतौर हज कुंवारी कन्याएं रखती हैं जिससे उन्हें मनचाहा वर मिल सके। कथा में कहा गया है की माता पार्वती ने भी भगवान् शिव को पाने के लिए इसी व्रत को किया था। इस व्रत कस समय पुरे दिन एक भी अन्न का दाना नहीं खाना होता।