‘जीवन लंबा होने की बजाए महान होना चाहिए’ – डॉ. भीमराव अंबेडकर

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Dr. B.R. Ambedkar Death Anniversery-

Dr. B.R. Ambedkar Death Anniversery- डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 4 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महू में हुआ था। वह एक ऐसी हिन्दू जाती से थे जो की अछूत मानी जाती थी। भारत रत्न पाने वाले डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अपनी ज़िन्दगी के 65 साल, सामाजिक, राजनितिक, शैक्षणिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, औद्योगिक, संवैधानिक, आदि क्षेत्रों में न जाने कितने काम किए होंगे। जिन्हें, आप और हम अगर याद करने बैठे तो वक़्त भी कम लगेगा। उनके कामों को हिन्दुस्तान याद रखता है।

साल 1956, 6 दिसंबर को डॉ. अंबेडकर का निधन उनके घर में हुआ था। उनकी पुण्यातीति को महानिर्वाण दिवस का नाम दिया जाता है। असल में, परिनिर्वाण, बौद्ध धर्म के सिद्धांतों और लक्ष्यों में से एक है। इस शब्द का मतलब है मौत के बाद निर्वाण। कहते हैं जो निर्वाण प्राप्त करता है वह संसारिक इच्छाओं और जीवन की पीड़ा से मुक्त होगा और वह जीवन चक्र से मुक्त होगा, यानी वह बार-बार जन्म नहीं लेगा।

जानिए, डॉ. अंबेडकर के बारे में यह 10 बातें

भारत का संविधान लिखने वाले भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर ही थे। उन्होंने भारत के संविधान को लिखने में 2 साल, 11 महीने और 17 दिन लगाए। यह संविधान समता, समानता, बंधुता एवं मानवता के आधार में लिखा गया।

Dr. B.R. Ambedkar Death Anniversery- उन्होंने मानवाधिकार के हित में राष्ट्र में बहुत काम किया। जैसे दलित लोगों के लिए राष्ट्र में मंदिर में जाना, पानी पीना, छुआछूत, जातिपाति, ऊँच-नीच वाली कुरीतियों को खत्म करने का काम किया था।

साल 1927 से 1956 के दौरान, उन्होंने मूक नायक, बहिष्कृत भारत, समता, जनता और प्रबद्ध भारत नामक पांच पत्रिकाओं का संपादन किया था। यह पत्रिकाएं बेज़ुबान, शोषित, और अशिक्षित लोगों को जागरूक करने के लिए लिखी जाती थीं।

साल 1945 में उन्होंने, पीपुल्स एजुकेशन सोसाइटी के तहत मुंबई में सिद्धार्थ महाविद्यालय और औरंगाबाद में मिलिंद महाविद्यालय की स्थापना की थी। यह सब माध्यम से कमज़ोर वर्गों के छात्रों के लिए किया गया था। पीपुल्स एजुकेशन सोसाइटी, डॉ.भीमराव आंबेडकर की ही है।

देश में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की स्थापना साल 1935 में हुई थी। इसे स्थापित करने के पीछे ‘रुपए की समस्या-उसका उद्भव और प्रभाव’, ‘भारतीय चलन व बैंकिंग का इतिहास’ और ‘हिलटन यंग कमीशन के समक्ष उनकी साक्ष्य’ का उदेश्य था।

देश में जलनीति और औद्योगिकरण की आर्थिक नीतियों पर काम करने के लिए साल 1945 में नदी-नालों को जोड़ना, हीराकुंड बाँध, दामोदर घाटी, सोन नदी घाटी परियोजना, राष्ट्रिय जलमार्ग, केंद्रीय जल और विद्युत् प्राधिकरण बनाने का काम किया था।

उनके द्वारा बनाई गई नीतियां हैं – निर्वाचन आयोग, योजना आयोग, वित्त आयोग, महिला पुरुष के लिये समान नागरिक हिन्दू संहिता, राज्य पुनर्गठन, राज्य के नीति निर्देशक तत्व, मौलिक अधिकार, मानवाधिकार, निर्वाचन आयुक्त और सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं विदेश नीति।

महिला सशक्तिकरण का हिन्दू संहिता विधेयक, साल 1951 में पारित करने का प्रयास किया गया था। जिसके बाद, यह विधेयक पारित नहीं हुआ तो स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।

भारत में रिज़र्व बैंक की स्थापना के बाद उनके दूसरे शोध (ब्रिटिश भारत में प्रांतीय वित्त का विकास) के आधार पर ही देश में वित्त आयोग को स्थापित किया गया था।

साल 1927 में मनुस्मृति दहन, साल 1928 में महाड सत्याग्रह, साल 1930 में नाशिक सत्याग्रह, साल 1935 में येवला की गर्जना जैसे आंदोलन भी डॉ. भीमराव अंबेडकर ने चलाये थे।

‘मैं ज़्यादा प्याज़ नहीं खाती। मैं ऐसे परिवार से आती हूँ जहाँ प्याज़-लहसुन नहीं खाते।’ – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण